नई दिल्ली: पुणे यल्गार परिषद् की मीटिंग में अपने जहरीले बयान से सुर्खियां बटोरनेवाला शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र है। शरजील को पुलिस ने एंटी सीएए मूवमेंट के दौरान 8 जुलाई 2020 को एएमयू कैंपस में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शरजील उस्मानी ने ही एएमयू में जेएनयू छात्र शरजील इमाम को भाषण देने के लिए आमंत्रित किया था। शरजील उस्मानी आजमगढ़ का रहने वाला है।
पुणे में एक मामला दर्ज
शरजील उस्मानी के खिलाफ मंगलवार को पुणे में एक मामला दर्ज किया गया। उस्मानी के खिलाफ यह मामला इस आरोप में दर्ज किया गया कि एल्गार परिषद के हाल के एक आयोजन में उन्होंने अपने भाषण के जरिए विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को कथित रूप से बढ़ावा दिया। महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने उस्मानी पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि उस्मानी के खिलाफ भादंसं की धारा 153 (ए) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि उस्मानी के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय नेता प्रदीप गावड़े ने शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
यल्गार परिषद में दिया 'जहरीला भाषण '
30 जनवरी को पुणे में यलगार परिषद में उस्मानी ने कहा था, आज का हिंदू समाज हिंदुस्तान में बुरी तरीके से सड़ चुका है। शरजील उस्मानी ने हिंदू धर्म के खिलाफ कई भड़काऊ बातें कही थी। उस्मानी के भाषण का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की थी कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने 30 जनवरी 2021 को पुणे में आयोजित यलगार परिषद में हिंदू समाज के खिलाफ जो आपत्तिजनक वक्तव्य दिया, उससे समस्त हिंदू समाज की भावना आहत हुई है। फडणवीस ने भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि शरजील उस्मानी के खिलाफ राज्य की सरकार को जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करते हुए राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।