Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. कौन हैं राजा सुहेलदेव? जिन्हें कई जातियां मानती हैं 'अपना', अमीर खुसरो ने भी किया था जिक्र

कौन हैं राजा सुहेलदेव? जिन्हें कई जातियां मानती हैं 'अपना', अमीर खुसरो ने भी किया था जिक्र

उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव के बारे में इतिहासकारों ने तो शायद ही कुछ लिखा हो लेकिन 11वीं सदी के इस प्रतापी राजा का जिक्र कई स्थानीय लोक कथाओं में है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 16, 2021 12:19 IST
कौन हैं राजा सुहेलदेव?...- India TV Hindi
कौन हैं राजा सुहेलदेव? जिन्हें कई जातियां मानती हैं 'अपना', अमीर खुसरो ने भी किया था जिक्र

भारतीय इतिहास अनेकों राजाओं की वीर गाथाओं से अटा पड़ा है। देश में सम्राट अशोक से लेकर कई छोटे-छोटे राज्यों के राजा हुए हैं जिनका जिक्र इतिहास की किताबों से लेकर लोक कथाओं में होता रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव के बारे में इतिहासकारों ने तो शायद ही कुछ लिखा हो लेकिन 11वीं सदी के इस प्रतापी राजा का जिक्र कई स्थानीय लोक कथाओं में है। 

यही कारण है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजा सुहेल देव को वीर पुरुष काअपना होने का  दर्जा दिया गया है। चूंकि इतिहास में उनका कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है, ऐसे में कई धर्म और कई जातियां सुहेल देव पर दावा करती हैं। उत्तर प्रदेश में सुहेल देव को मानने वालों राजभर समुदाय की संख्या लाखों में है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में क़रीब 18 फ़ीसद राजभर हैं और बहराइच से लेकर वाराणसी तक के 15 ज़िलों की 60 विधानसभा सीटों पर इस समुदाय का काफ़ी प्रभाव है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा, बसपा के अलावा राजा सुहेल देव को मानने वाला राजभर समुदाय की पार्टियां उन पर दावा करती हैं। 

कौन थे राजा सुहेल देव ?

राजा सुहेलदेव के बारे में ऐतिहासिक जानकारी न के बराबर है। माना जाता है कि 11 वीं सदी में महमूद ग़ज़नवी के भारत पर आक्रमण के वक़्त सालार मसूद ग़ाज़ी ने बहराइच पर आक्रमण किया लेकिन वहां के राजा सुहेलदेव से बुरी तरह पराजित हुआ और मारा गया। लेकिन सुहेलदेव के नाम के न तो कहीं कोई सिक्के मिले हैं, न तो कोई अभिलेख मिला है, न किसी भूमि अनुदान का ज़िक्र है और न ही किसी अन्य स्रोत का। महमूद ग़ज़नवी के समकालीन इतिहासकारों- उतबी और अलबरूनी ने भी राजा सुहेल देव के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है।

अमीर खुसरो की किताब में है जिक्र 

सालार मसूद ग़ाज़ी की यह कहानी चौदहवीं सदी में अमीर खुसरो की क़िताब एजाज़-ए-खुसरवी और उसके बाद 17वीं सदी में लिखी गई क़िताब मिरात-ए-मसूदी में मिलता है। लेकिन महमूद ग़ज़नवी के समकालीन इतिहासकारों ने न तो सालार मसूद ग़ाज़ी का ज़िक्र किया है, न तो राजा सुहेलदेव का ज़िक्र किया है और न ही बहराइच का ज़िक्र किया है। मिरात-ए-मसूदी के बाद के लेखकों ने सुहेलदेव को भर, राजभर, बैस राजपूत, भारशिव या फिर नागवंशी क्षत्रिय तक बताया है।

लोककथाओं ने सुहेलदेव को रखा जीवित 

इतिहास के पन्नों में राजा सुहेलदेव का इतिहास भले ही न दर्ज हो लेकिन लोक कथाओं में राजा सुहेलदेव का ज़िक्र होता रहा है और ऐसा हुआ है कि इतिहास के दस्तावेज़ों की तरह लोक के मन में उनकी वीर पुरुष के तौर पर छवि बनी हुई है।

जानिए किस किस का है सुहेल देव पर दावा 

  • 17वीं शताब्दी के मिरात-ए-मसूदी की बात करें तो उसमें बताया गया है कि सुहेलदेव 11वीं सदी में श्रावस्ती के राजा थे, जिन्होंने महमूद गजनवी के भांजे गाज़ी सैयद सालार मसूद को युद्ध में हराया था।
  • स्कूल टीचर रहे गुरु सहाय दीक्षित द्विदीन की कविता ‘श्री सुहेल बवानी’ के अनुसार  सुहेलदेव जैन राजा थे, जिन्होंने हिंदू संस्कृति की रक्षा की थी।
  • उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से कांग्रेस सुहेलदेव को पासी समुदाय से जोड़ती रही है। 
  • आर्य समाज के अनुसार सुहेलदेव एक हिंदू राजा थे, जिन्होंने मुस्लिम आक्रांताओं को युद्ध में मार गिराया था।
  • RSS कहती है कि सुहेलदेव संतभक्त राजा थे, जो गोरक्षा और हिंदू धर्म की रक्षा को लेकर बेहद तत्पर रहते थे।
  • ब्रिटिश गजटियर के अनुसार सुहेलदेव राजपूत राजा थे, जिन्होंने 21 राजाओं का संघ बनाकर मुस्लिम बादशाहों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement