नई दिल्ली: मोदी सरकार में नए कैबिनेट मंत्री बने अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय और आईटी मंत्रालय दिया गया है। वह इन दोनों मंत्रालयों को संभालेंगे। गौरतलब है कि अश्विनी वैष्णव राज्यसभा के सदस्य हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और पूर्व नौकरशाह हैं। वह ओडिशा कैडर के IAS रहे हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के साथ भी काम किया है। उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव है।
ऐसे में जब उन्हें कैबिनेट मंत्री पद की शपद दिलाई गई थी, तभी से माना जा रहा था कि उनका बड़ा अहम पोर्टफोलियो होने वाला है। ऐसा ही हुआ है। रेल मंत्रालय और आईटी मंत्रालय, दोनों ही अश्विनी वैष्णव को दिए गए हैं। इससे पहले रेल मंत्रालय पीयूष गोयल के पास था और आईटी मंत्रालय रविशंकर प्रसाद के पास था। हालांकि, रविशंकर प्रसाद अब कैबिनेट में नहीं हैं। वह इस्तीफा दे चुके हैं।
वहीं, पीयूष गोयल से रेल मंत्रालय वापस लेकर उन्हें टेक्सटाइल मंत्री (कपड़ा मंत्री) बनाया गया है। इसके साथ ही पीयूष गोयल को खाद्य एवं उपभोक्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन, अब वह रेल मंत्रालय से बाहर हो गए हैं। अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्री बनाया है। वह जल्द ही रेल मंत्रालय और आईटी मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे।
30 मंत्री लोकसभा और 11 राज्यसभा के सांसद, दो किसी भी सदन के सदस्य नहीं
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में 30 लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य हैं। इसके साथ ही, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन दो ऐसे मंत्री हैं जो फिलहाल संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सोनोवाल फिलहाल असम विधानसभा सदस्य हैं।
इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। राज्यसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे, जद (यू) अध्यक्ष आरसीपी सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी, मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला शामिल हैं।
भाजपा के ही राजीव चंद्रशेखर, बीएल वर्मा, भागवत कराड को राज्य मंत्री बनाया गया है और ये तीनों मंत्री राज्यसभा के सदस्य हैं। वहीं, लोकसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें भाजपा के डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के नेता पशुपति कुमार पारस शामिल हैं।
इनके अलावा, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, भाजपा के एसपी सिंह बघेल, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, निशीथ प्रामाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी लोकसभा सदस्य हैं, जो राज्य मंत्री बने हैं।