नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। बता दें कि मुर्मू जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के पहले उपराज्यपाल थे, और इस तरह सिन्हा यह जिम्मेदारी उठाने वाले दूसरे शख्स होंगे। आइए, जानते हैं मनोज सिन्हा के जीवन के बारे में:
मनोज सिन्हा पूर्वी उत्तर प्रदेश में भगवा दल के सबसे बड़े चेहरों में गिने जाते रहे हैं। सिन्हा का जन्म 1 जुलाई 1959 को गाजीपुर के मोहनपुरा में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में हुई थी जहां से उन्होंने सिविल इंजिनियरिंग में बी. टेक और एम. टेक की डिग्री ली थी। सिन्हा की राजनीतिक यात्रा भी BHU से ही शुरू हुई जब 1982 में वह छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। वह 1996 में चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहु्ंचे और 1999 में एक बार फिर वह संसद के निचले सदन के लिए चुने गए। वह 1989 से 1996 तक बीजेपी की राष्ट्रीय समिति के सदस्य भी रहे।
2014 में हुए लोकसभा चुनावों में मोदी लहर पर सवार होकर सिन्हा एक बार फिर संसद में पहुंच गए। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें मई 2014 में रेल राज्यमंत्री बनाया गया और फिर 2016 में उनके पास संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी भी आ गई। उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जबर्दस्त जीत के बाद सिन्हा सूबे के मुख्यमंत्री पद की रेस में भी शामिल थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में सिन्हा गाजीपुर की लोकसभा सीट बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अफजल अंसारी के हाथों गंवा बैठे। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था।
मनोज सिन्हा की शादी 1977 में नीलम सिन्हा से हुई थी। वह एक बेटी और एक बेटे के पिता हैं। सिन्हा को एक ईमानदार राजनेता माना जाता है और वह चुपचाप अपना काम करते जाने में यकीन रखते हैं। 1999 में 13वीं लोकसभा में उनकी गिनती सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सांसदों में हुई थी। अब सिन्हा को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में एक नई और अहम जिम्मेदारी मिली है।