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कौन हैं नागेश्वर राव और कैसे हुआ अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का फैसला?

मंगलवार देर रात कैबिनेट की नियुक्ति समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस बैठक में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति का फैसला लिया गया

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : October 24, 2018 12:19 IST
कैसे हुआ अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का फैसला?
कैसे हुआ अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का फैसला?

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) या सीबीआई के इतिहास में शायद इससे बुरा और अपमानजनक दिन और कोई नहीं आया होगा। सरकार ने केंद्रीय सर्तकता आयुक्त (सीवीसी) की सिफारिश मिलने के बाद बेहद सख्त फैसला करते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना, दोनों को ही छुट्टी पर भेज दिया। इसके साथ ही पहली बार सीबीआई का दफ्तर सील हुआ और सुबह अधिकारियों को बैरंग वापस लौटा दिया गया।

वर्मा की जगह एम. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर का कार्यभार सौंपा गया है। इस आदेश का मतलब यह है कि सरकार ने सीबीआई के पदानुक्रम में संयुक्त निदेशक से वरिष्ठ स्तर यानी अतिरिक्त निदेशक रैंक के तीन अधिकारियों को दरकिनार कर नागेश्वर राव को एजेंसी के निदेशक का प्रभार दिया।

 
कैसे हुआ अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का फैसला?
रविवार देर शाम पीएमओ ने सीबीआई डायरेक्टर से पूरे विवाद का रिपोर्ट लिया और मंगलवार को सीबीआई डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत पर सीवीसी में बैठक हुई जिसके बाद सीवीसी ने आरोप को गंभीर माना। सरकार के आला अधिकारियों की राय थी कि निष्पक्ष जांच के लिए दोनों अधिकारियों का हटना जरूरी।

मंगलवार देर रात कैबिनेट की नियुक्ति समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस बैठक में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति का फैसला लिया गया और उनको सूचित किया गया।

तकरीबन एक बजे दिल्ली पुलिस ने सीबीआई दफ्तर को सीज किया और लगभग 1.30 बजे नागेश्वर राव सीबीआई मुख्यालय पहुंचकर सबसे पहले चार्ज लिया। फिर 10वें फ्लोर की चाभी अपने पास ले कर सर्च कराया। उसके बाद रात में ही विवाद से जुड़े अधिकारियों का ट्रांसफर किया।

कौन हैं एम. नागेश्वर राव
1986 बैच के राव ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। राव लंबे समय से सीबीआई से जुड़े रहे हैं। सीबीआई हेडक्ववॉर्टर में आने से पहले राव चेन्नै में सीबीआई के साउथ जोन में बतौर जॉइंट डायरेक्टर रहे। सीबीआई मुख्यालय में आने के बाद राव पर ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों की जिम्मेदारी रही है।

करियर की शुरुआत में चार जिलों के एसपी रहने के अलावा राव राउरकेला में रेलवे और कटक में क्राइम ब्रांच के एसपी के रूप में भी सेवा दे चुके हैं। ओडिशा में एक रेप केस की जांच के दौरान डीएनए फिंगर प्रिंट तकनीक का इस्तेमाल करने वाले राव पहले अफसर रहे। यह मामला 1996 का है जो करीब 7 साल बाद नतीजे पर पहुंचा था।

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