16 अप्रैल 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे कुलभूषण जाधव उर्फ़ हुसैन मुबारक पटेल भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं, जिसे पाकिस्तानी सेना ने 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार कर लिया था। पाकिस्तान के मुताबिक जाधव भारत के नागरिक होने के साथ भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारी हैं लेकिन भारत का कहना है कि नौसेना से रिटायर होने के बाद कुलभूषण जाधव ने ईरान में अपना कारोबार शुरू किया था। पाकिस्तान का कहना है कि 29 मार्च 2016 को उसने कुलभूषण को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया जबकि भारत का कहना है कि कुलभूषण को ईरान से गिरफ्तार किया गया।
पत्नी और मां के उतरवा दिए थे जूते, चूड़ी और मंगलसूत्र
पाकिस्तान का अमानवीय चेहरा उस वक़्त पूरे विश्व के सामने आ गया, जब जाधव से मिलने गईं उनकी मां और पत्नी की मुलाकात के दौरान जाधव को मराठी में बात नहीं करने दी गई। हद तो तब हो गई जब दोनों महिलाओं के कपड़े बदलवा दिए गए। यहां तक कि उसकी मां और पत्नी के जूते, चूड़ी और मंगलसूत्र तक उतरवा दिए गए थे जिसके बाद भारत के पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत की आपत्ति के बाद पाकिस्तान की तरफ से ये दलील दी गई कि जाधव की पत्नी के जूते में कुछ था इसलिए सुरक्षा के आधार पर जूते जब्त किए गए थे।
इसे पाकिस्तान का जाधव के परिवार के साथ इमोशनल अत्याचार ही कहेंगे जब जाधव के साथ उसकी मां और पत्नी की मुलाकात के दौरान दोनों के बीच में मोटा शीशा भी लगा दिया। हालांकि. उसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने सफाई दी और कहा कि भारत, जाधव की पत्नी और मां से मुलाकात के 24 घंटे के बाद आधारहीन आरोप लगा रहा है। पाक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव की पत्नी को दूसरे जूते प्रदान किए गए थे और उनके सभी गहनों को वापस लौटा दिया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि जाधव की मां ने मानवता के आधार पर पाकिस्तान को धन्यवाद कहा था जो मीडिया द्वारा भी दर्ज किया गया था। इस मुद्दे पर अब कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है।