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तोमर, गोयल ने मीडिया से कहा, पड़ताल करें कि किसान आंदोलन के पीछे आखिर कौन है?

दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी है। सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। किसानों को बार बार बातचीत का बुलावा दे रही है लेकिन किसानों ने अब अपना आंदोलन और तेज करने का ऐलान कर दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 10, 2020 23:13 IST
Who is behind farmers' protest? Tomar, Goyal ask media to investigate- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी है।

नयी दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी है। सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। किसानों को बार बार बातचीत का बुलावा दे रही है लेकिन किसानों ने अब अपना आंदोलन और तेज करने का ऐलान कर दिया है। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा है कि अब किसान सिर्फ सड़कें और हाईवे नहीं, रेलवे ट्रैक भी बंद करेंगे। अब ट्रेन भी रोकी जाएंगी लेकिन इसके बाद भी आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को एकबार फिर सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा। 

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नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ईगो के बिना किसी अहम के किसानों के साथ खुले मन से बातचीत कर रही थी और अभी भी करना चाहती है। किसान जब चाहें सरकार से बात करने के लिए आ सकते हैं। इस दौरान नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने कहा कि मीडिया को यह पड़ताल करना चाहिए कि क्या राष्ट्रीय राजधानी से जुड़ी विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के पीछे कोई और ताकत है। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि दो कृषि कानूनों के प्रावधानों में संशोधन के लिए केन्द्र पहले ही प्रस्ताव का मसौदा किसान संघों के नेताओं को भेज चुका है और अब उन्हें अगले चरण की बातचीत के लिए तारीख तय करना है। 

इसबीच, किसान संघों ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग की है। यहां तक कि उन्होंने आने वाले दिनों में आंदोलन की धार तेज करने, ट्रेन की पटरियां अवरुद्ध करने और दिल्ली आने वाले राजमार्गों को जाम करने की घोषणा की है। यह पूछने पर कि क्या आंदोलन के पीछे कोई और ताकत है, तोमर ने कहा, ‘‘मीडिया की नजरें तेज हैं और यह पता लगाने का काम उसपर छोड़ते हैं।’’

प्रदर्शन कर रहे किसान संघों को भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर गोयल ने कहा, ‘‘प्रेस को पड़ताल करनी होगी और पता लगाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि किसानों को कुछ दिक्कत है। हम इसका सम्मान करते हैं कि किसान हमारे पास आए और हमसे बातचीत की। चर्चा के दौरान जो मुद्दे सामने आए हमने उनका समाधान निकालने का प्रयास किया।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर कोई और समस्या है जिसपर चर्चा करने या मौजूदा प्रस्ताव पर कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो हम उसके लिए तैयार हैं। अगर किसी अन्य कारण से वे आगे नहीं आ रहे हैं, तो उस पता लगाने का जिम्मा हम आप पर छोड़ते हैं।’’ तोमर और गोयल दोनों ही आंदोलन से उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसानों से बातचीत कर रहे हैं और लगातार इसपर जोर दे रहे हैं कि सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं।

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