देहरादून. कोरोना महामारी की शुरुआत से ही बंद स्कूलों को खोलने को लेकर उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड में लंबे समय से बंद स्कूलों को 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए खोलने का फैसला किया गया है। राज्य में एक नवंबर से इन कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाएंगे। बुधवार को राजधानी देहरादून में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया। बैठक खत्म होने के बाद त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी और पैरेंट्स से राय-मशविरा लेने के बाद दिए गए फीडबैक के आधार पर यह निर्णय लिया गया।
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मदन कौशिक ने बताया कि स्कूल केवल इन्हीं दो कक्षाओं के लिए खुलेंगे और स्कूल प्रबंधन को कोरोना महामारी संबंधी प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और सेनिटाइजेशन आदि जैसे सुरक्षात्मक उपायों का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। अन्य कक्षाओं को शुरू करने के संबंध में उन्होंने कहा कि 10वीं और 12वीं के छात्रों का पहला महीना कैसा गुजरता है, सबकुछ उसी पर निर्भर होगा। इसबीच ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।
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आपको बता दें कि Unlock-5 के लिए जारी दिशा निर्देशों में केंद्र ने स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था। महामारी को देखते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों का एक साल तक प्रतिमाह एक दिन का वेतन काटे जाने के अपने निर्णय को संशोधित करते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने IAS और IPS अधिकारियों को छोड़कर अन्य सभी को इसके दायरे से बाहर कर दिया।
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मंत्री कौशिक ने कहा कि हालांकि, मंत्री, विधायक, आईएएस और आईपीएस अधिकारी पहले हुए निर्णय के अनुसार, कोरोना के लिए एक साल तक अपना एक दिन का वेतन कटवाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह राहत त्योहारी सीजन पर कनिष्ठ अधिकारियों के लिए एक तोहफा है। राज्य मंत्रिमंडल ने हिमालयन गढवाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी हिमालयन गढवाल विश्वविद्यालय करने को भी मंजूरी दे दी। (Input - भाषा)