Highlights
- MSP की कानूनी गारंटी समेत 6 मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन: SKM
- आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए स्मारक बनाने की भी मांग
- SKM की मांगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाना और गिरफ्तारी भी शामिल
नई दिल्ली. किसान संघों के संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (SKM) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत सरकार के समक्ष उठायी गयी अपनी छह मांगें दोहराते हुए सोमवार को कहा कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह आंदोलन जारी रखेगा। SKM ने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर इसका आंदोलन तब तक समाप्त नहीं किया जाएगा, जब तक तीनों संबंधित कृषि कानूनों को संसद में औपचारिक तौर पर निरस्त नहीं कर दिया जाता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की घोषणा की थी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि SKM ने सिंघू सीमा पर अपनी बैठक के बाद रविवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा था। उसने कहा कि इस पत्र में SKM ने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय सरकार के फैसले की एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना है, हालांकि वह इसका स्वागत भी करता है।
SKM ने किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने और तीन विवादास्पद केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए स्मारक बनाने की भी मांग की। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की शुक्रवार की प्रधानमंत्री की आश्चर्यजनक घोषणा के बावजूद, किसान नेताओं ने कहा है कि वे तब तक नहीं झुकेंगे जब तक कि संसद में औपचारिक रूप से कानूनों को निरस्त नहीं कर दिया जाता।
उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वैधानिक गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस फैसले के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए एसकेएम ने अपने पत्र में कहा था, "ग्यारह दौर की बातचीत के बाद, आपने द्विपक्षीय समाधान के बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना।" SKM की मांगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाना और गिरफ्तारी भी शामिल है, जिनका बेटा गत तीन अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा का आरोपी है। उक्त घटना में कई किसान मारे गए थे।