नोएडा: आज चार साल के बाद आरुषि के मम्मी पापा नूपुर और राजेश तलवार ने खुली हवा में सांस ली। चार साल बाद जेल से घर पहुंचे। नौ साल के बाद आरूषि के घऱ में दीवाली पर दीये जलेंगे। अपनी बेटी के कत्ल के इल्जाम से बरी होने के बाद जब आरुषि के माता पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार अपने घर पहुंचे तो सबकी आंखों में आंसू थे।
उस समय की तस्वीर जो सामने आई है वो अपने आप में बहुत कुछ कहती हैं। ये तस्वीर....वो दर्द, वो तकलीफ ,वो घुटन और वो तड़प बयान करती है जो इन दोनों ने पिछले नौ साल से झेली हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी होने के तीन दिन बाद आज राजेश और नूपुर तलवार गाजियाबाद की डासना जेल से रिहा हो गए।
जेल से छूटने के बाद नूपुर तलवार सबसे पहले अपनी मां लता चिटनिस के घर पहुंचीं। मां ने घऱ के दरवाजे पर बेटी का स्वागत किया उन्होंने तिलक किया, फूल बरसाए और बेटी की आरती उतारी। चार साल बाद अपने घर अपने आंगन में मां को देखकर नूपुर तलवार इमोशनल हो गईं और मां के गले लगकर रोईं। नुपुर के पीछे खड़े राजेश तलवार की आंखें भी भर आईं।
'ये लड़ाई राजेश-नूपुर को बाहर निकालने की नहीं थी, इसका मकसद आरुषि का नाम क्लीयर करना था'
नुपुर और राजेश जेल से निकलने के बाद कुछ नहीं बोले लेकिन राजेश के भाई दिनेश तलवार आज मीडिया के सामने आए। दिनेश तलवार ने कहा कि ये लड़ाई राजेश और नूपुर को बाहर निकालने की नहीं थी इस लड़ाई का मकसद आरुषि का नाम क्लीयर करना था। आरुषि को लेकर जो बातें हुईं उसका जो कैरेक्टर एसेसिनेशन किया था...मकसद उसे क्लीयर करने का का था। दिनेश ने कहा कि हेमराज और आरुषि गलत नहीं थे यही बात कोर्ट में साबित हुई।
दिनेश ने कहा कि नौ साल में तलवार फैमिली टूट चुकी थी इसे दोबारा जो़ड़ना होगा इसमें वक्त लगेगा। राजेश और नूपुर को थोड़ा वक्त लगेगा। कोशिश यही है कि वो दोबारा अपनी जिंदगी शुरु कर दें।
4 साल बाद...जेल से बाहर आए 'तलवार'
सोमवार शाम चार बजकर उनसठ मिनट पर जेल में 1460 दिन बिताने के बाद आरुषि के मम्मी पापा राजेश और नूपूर तलवार डासना जेल से बाहर आए। राजेश और नूपुर तलवार अपने साथ सिर्फ कुछ ही सामान लेकर बाहर आए। राजेश के पास एक और नूपुर के पास दो बैग थे। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही ..गेट के बाहर खड़े थे। चेहरे पर कोई इमोशन नहीं था। कोई भाव नहीं था...न जेल से निकलने की खुशी और न घर लौटने की आंखों में चमक।
देखिए वीडियो-
पुलिस को अंदाजा था कि राजेश और नूपुर से मीडिया सवाल पूछेगी इसीलिए पहले ही सिक्योरिटी लेयर बनाई गई थी। राजेश और नूपुर डासना जेल के गेट से लेकर उनकी गाड़ी तक पुलिस प्रोटेक्शन प्रोवाइड की गई थी। पुलिस के घेरे में दोनों को गाड़ी तक पहुंचाया गया और इसके बाद वो डासना से सीधे नोएडा की तरफ रवाना हो गए। नुपुर और राजेश के वकीलों ने कहा कि लोअर कोर्ट में हारने के बाद केस मुश्किल था लेकिन नुपुर और राजेश ने हिम्मत नहीं हारी। उन्हें अपनी बेगुनाही का भरोसा था इसलिए वो लंबी लडा़ई लड़कर जीते।