नई दिल्ली। 23 साल पहले 21 फरवरी 1997 को प्रियंका गांधी को लोधी एस्टेट में 35 नंबर सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। उस समय प्रियंका गांधी को एसपीज सुरक्षा मिली हुई थी और उसी के आधार पर बंगला दिया गया था। नियमों के मुताबिक जेड प्लस सिक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति को सरकारी आवास नहीं दिया जाता , हालांकि कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमोडेशन चाहे तो गृह मंत्रालय के आकलन के आधार पर इसकी सिफारिश कर सकती है।
नियमों के मुताबिक, जेड प्लस सिक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति को सरकारी आवास नहीं दिया जाता, हालांकि कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमोडेशन चाहे तो गृह मंत्रालय के आकलन के आधार पर इसकी सिफारिश कर सकती है। प्रियंका गांधी अभी बंगले का इस्तेमाल कर रही हैं और उनके ऊपर सरकार की 346677 करोड़ रुपए की देनदारी है। इसकी वसूली के लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि, वर्ष 2020 में कैबिनेट की बैठक में यह तय हुआ था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को छोड़ बाकी किसी भी व्यक्ति भी निजी व्यक्ति को सुरक्षा के आधार पर सरकारी आवास नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आगामी 1 अगस्त तक लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा भेजे गए नोटिस के मुताबिक 1 अगस्त के बाद प्रियंका गाधी इस बंगले के भीतर नहीं रह सकतीं।
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था हटा ली गई है और जेड प्लस सुरक्षा व्यवस्था दी गई है। इस व्यवस्था के मुताबिक जिसे ये सुरक्षा दी जाती है उसे सरकारी आवास प्रदान करने का नियम नहीं है। प्रियंका गांधी को कहा गया है कि अगर वह एक महीने में सरकारी बंगला खाली नहीं करती हैं तो उन्हें जुर्माना देना होगा।
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बता दें कि प्रियंका गांधी, उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दिए गए एसपीजी कवर को पिछले साल नवंबर में वापस ले लिया गया था। बता दें कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में कोरोना संकट, चीन के मुद्दे और मजदूरों को लेकर राज्य की योगी सरकार और केंद्र सरकार पर कई बार जमकर निशाना साधा है।