नई दिल्ली कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को व्हाट्सऐप से एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनके फोन के हैक होने की आशंका है। कांग्रेस ने सरकार पर ‘‘निगरानी में संलिप्त’’ रहने के आरोप लगाए, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी उन चीजों की कल्पना कर रही है, जो थी ही नहीं।
मुद्दे पर विवाद गहराने के बीच, कांग्रेस नेताओं की अध्यक्षता वाली दो संसदीय समितियां व्हाट्सऐप जासूसी मामले को देख सकती हैं और इसके लिए उन्होंने गृह सचिव समेत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से विस्तृत जानकारी मांगी है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग ऐप (व्हाट्सऐप) से राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसी तरह के संदेश मिलने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त व्हाट्सऐप से इसी तरह का एक संदेश प्राप्त हुआ था।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार को अब एक नया नाम दे देना चाहिए। ‘भारतीय जासूस पार्टी’।’’
बहरहाल, भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘क्या हमने कांग्रेस को ऐसी चीजों की कल्पना करते नहीं देखा है, जो थी ही नहीं? याद कीजिए उन दावों को कि जब मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वीडियो कैमरा की हरी लाइट चेहरे पर पड़ने पर कहा गया था कि राहुल गांधी की जान को खतरा है। खैर, यह सार्वजनिक जीवन में उनके नेताओं की विश्वसनीयता का स्तर है।’’
संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने समूचे व्हाट्सऐप जासूसी प्रकरण को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर 15 नवंबर को होने वाली समिति की अगली बैठक में गौर किया जाएगा। अगली बैठक में गृह सचिव जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में समिति को जानकारी देने वाले हैं। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने पूरे प्रकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि समिति अपनी चिंताएं साझा करेगी।
उन्होंने कहा कि वह मामले में ईमेल से अन्य सदस्यों से भी विचार-विमर्श करेंगे। थरूर ने कहा, ‘‘किसी भी सूरत में साइबर सुरक्षा हमारे एजेंडे में प्रमुख मुद्दा है और निश्चित रूप से हम इस मुद्दे को देखेंगे। हम सरकार से स्पष्टीकरण मांगेंगे।’’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस विषय पर ‘षड्यंत्रपूर्ण चुप्पी’ साध रखी है और मीडिया में खबरें प्रकाशित/प्रसारित कराने के लिये सूत्रों के पीछे छिप रही है। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा एक कुटिल चाल अपनाई जा रही है। सवाल यह है कि क्या भारत के लोगों के पास निजता का अधिकार है और कानून का शासन या निजता का अधिकार मोदी सरकार द्वारा उसकी मनमर्जी के मुताबिक मजाक की चीज बना कर रख दी गई है।’’
हालांकि, कांग्रेस ने यह नहीं बताया कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को यह संदेश कब प्राप्त हुआ था। उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख एवं हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ‘जासूसी’ विवाद को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और मांग की कि सरकार इजराइल से पूछे कि उसकी प्रौद्योगिकी कंपनी ने भारतीयों की व्हाट्सऐप बातचीत कैसे सुनी।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने शनिवार देर रात हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इजराइली राजदूत को तलब किया जाना चाहिए और मामले में सवाल किया जाना चाहिए। व्हाट्सऐप ने कहा कि वह इजराइली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा करेगा जो कथित रूप से इस प्रौद्योगिकी के पीछे है और उसने अज्ञात इकाइयों को करीब 1,400 उपभोक्ताओं के फोन हैक करने में मदद की। व्हॉट्सऐप ने सितंबर में भारत सरकार को बताया था कि 121 भारतीय प्रयोगकर्ताओं को इजरायली स्पाइवेयर पेगासस ने निशाना बनाया है।
वहीं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे व्हॉट्सऐप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि व्हॉट्सऐप ने सरकार द्वारा उससे पिछले सप्ताह पेगासस स्पाइवेयर घटना पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है।
इजरायली स्पाइवेयर के जरिये कथित रूप से भारत सहित दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी। सुरजेवाला ने कहा, 2019 के आम चुनाव के दौरान पेगासस स्पाईवेयर के जरिए राजनेताओं, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन टेप किए गए। भाजपा सरकार को इसकी पूरी जानकारी थी। यह उनकी षड़यंत्रकारी संलिप्तता को दर्शाता है।