नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में उस वक्त हड़कंप मच गया जब विधानसभा के अंदर शक्तिशाली विस्फोटक मिलने की बात सामने आई है। फॉरेंसिक जांच में इसके पीईटीएन (PETN) विस्फोटक की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। तो अब सवाल यह उठता है कि पीईटीएन क्या है और क्यों यह आतंकियों का पसंदीदा रसायन है? यह घातक क्यों है? आइए हम आपको बताते हैं.......
क्या है पीईटीएन
पीईटीएन को पेंटाइरिथ्रीटोल टेट्रानाइट्रेट के नाम से जाना जाता है। इसे प्लास्टिक बमों में सर्वाधिक शक्तिशाली और खतरनाक माना जाता है। इसे डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल है। इसके अणु बेहद संगठित होते हैं। इसके कुछ ही अणु बाहर के वायु के साथ संपर्क कर पाते हैं। इसलिए कुत्ते या सेंसर तक इसकी पहचान नहीं कर पाते। अल आसिरी द्वारा बनाये गये पीईटीएन बमों की खासियत यह है कि इसे साधारण सीरिंज से भी केमिकल डेटोनेटर के जरिये विस्फोट किया जा सकता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में हुए विस्फोट में इसे ही इस्तेमाल किया गया था। वारदातों को अंजाम देने के लिए पीईटीएन आतंकवादियों का सबसे पसंदीदा रसायन रहा है। इस रसायन की खोज जर्मनी की सेना ने प्रथम विश्व युद्ध के समय की थी। आज यह आतंकवादियों की पहली पसंद बन चुका है।
लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन इस रसायन का इस्तेमाल भी करते रहे हैं। आतंकियों की नजर में इस रसायन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसकी शिनाख्त जल्दी नहीं हो पाती है।
इसका इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट अथवा पोटेशियम नाइट्रेट के साथ किया जाता है, जिससे विस्फोट का असर व्यापक होता है। वाराणसी में विस्फोट के लिए भी आतंकवादियों ने पीईटीएन का इस्तेमाल किया था।
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