नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट बैठक में मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दे दी गई है। बता दें कि, अधिकारियों का कार्यक्षमता और कार्यकुशलता बढ़ाने का काम इस मिशन के माध्यम से किया जाएगा। मिशन कर्मयोगी का मकसद अधिकारी लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरे इसके लिए उन्हें तैयार करना है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा कि सिविल सेवक की न केवल व्यक्तिगत कैपेसिटी बिल्डिंग पर बल्कि इंस्टिट्युशनल कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है। एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए।
सिविल सेवा अधिकारियों को दी जाएगी खास ट्रेनिंग
कैबिनेट ने सिविल सर्विस अधिकारियों के लिए 'कर्मयोगी मिशन' को हरी झंडी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मोदी सरकार ने मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दे दी है और जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल पास भी पास किया गया है। सरकारी बाबू यानी सिविल सर्विस अधिकारियों को अब 'कर्मयोगी मिशन' के तहत खास ट्रेनिंग दी जाएगी। यह मिशन National Programme for civil services capacity building (NPCSCB) के तहत चलाया जायेगा। कर्मयोगी मिशन योजना सरकार की ओर से अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सर्विस के लोगों के लिए नई तकनीक और उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी, जिसके लिए व्यक्तिगत स्तर से लेकर संस्थागत स्तर तक विकास करने पर जोर दिया जाएगा।
ऐसे होगा 'मिशन कर्मयोगी' की निगरानी एवं मूल्यांकन
मिशन कर्मयोगी की निगरानी एवं मुल्यांकन 4 चरणों में होगा। सबसे पहले प्रधानमंत्री का डैशबोर्ड- विभागों के लए वार्षिक स्कोर कार्ड एवं रैंकिंग के साथ केपीआई क्षमता विकास की वास्तविक सूचना के आधार पर, इसके बाद क्षमता विकास योजना के तहत लक्ष्य निर्धारण प्रत्येक विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई वार्षिक योजनाओं का राष्ट्रीय आकांक्षाओं के साथ संरेखण। तीसरा, सिविल सेवाओं की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट यानी राष्ट्रीय प्रगति में उपलब्धियों और योगदान को ध्यान रखते हुए एक वर्ष में सिविल सेवाओं का समेकित प्रदर्शन। चौथा- निष्पक्ष लेकापरीक्षा यानी क्षमता विकास आयोग द्वारा नियमित लेखा परीक्षा और गुणवत्ता आश्वासन के अतिरिक्त इस कार्यक्रम की तीसरा पक्ष द्वारा लेखापरीक्षा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी मसूरी स्थित सिविल सर्विस अधिकारियों की ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट गए थे। उस दौरान वहां बातचीत में ट्रेनिंग में व्यापक बदलाव की चर्चा हुई। नए डिजिटल प्लेफॉर्म से अब सिविल सर्विस अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकते हैं, वो अपने मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट पर ट्रेनिंग ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला लिया गया है। इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने इस दौरान तीन प्रमुख एमओयू को भी मंजूरी दी। टेक्सटाइल मंत्रालय और जापान, माइनिंग मिनिस्ट्री और फिनलैंड तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा डेनमार्क के बीच एमओयू को सरकार ने मंजूरी दी है।