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क्या है हॉटलाइन? रिसीवर उठाते ही लग जाती है PM और राष्ट्रपति को कॉल

इससे पहले कि हम आपको यह बताएं कि टेलिफोन का रिसीवर उठाते ही प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, बड़े अधिकारी या बड़े सैन्य अधिकारी को सीधे कैसे कॉल लग जाती है, आप यह जानें कि आखिर 'हॉटलाइन' होती क्या है।

Written by: Lakshya Rana @LakshyaRana6
Published on: October 08, 2020 15:05 IST
What is hotline?- India TV Hindi
What is hotline?

नई दिल्ली: इससे पहले कि हम आपको यह बताएं कि टेलिफोन का रिसीवर उठाते ही प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, बड़े अधिकारी या बड़े सैन्य अधिकारी को सीधे कैसे कॉल लग जाती है, आप यह जानें कि आखिर 'हॉटलाइन' होती क्या है। आम शब्दों में 'हॉटलाइन' को एक तरह की फोन लाइन कह सकते हैं, जिसका सामान्य लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं। 

'हॉटलाइन' का इस्तेमाल कौन करता है?

आमतौर पर इसका इस्तेमाल दो देशों के सर्वोच्च नेताओं तथा अधिकारियों के बीच होता है। जैसे- दो देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शीर्ष अधिकारी आमतौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं। 'हॉटलाइन' दूरसंचार का बहुत ही सुरक्षित या कहें कि सबसे सुरक्षित जरिया है। 'हॉटलाइन' के जरिए पूर्व निर्धारित व्यक्ति से बिना किसी बाधा के बातचीत की जा सकती है।

'हॉटलाइन' का इस्तेमाल कब करते हैं?

किसी भी आपदा, आपातकालीन स्थिति, दोनों देशों को प्रभावित करने वाली समस्या, दुर्घटना, जनता की जान पर आए खतरे या दो देशों के बीच किसी भी तत्काल प्रभाव से होने वाली जरूरी बातचीत की स्थिति में 'हॉटलाइन' के जरिए संपर्क साधा जाता है। ऐसी स्थिति में 'हॉटलाइन' काफी उपयोगी साबित होती है।

कैसे टेलिफोन से अलग है हॉटलाइन?

टेलिफोन और हॉटलाइन में काफी अंतर है। सबसे पहला अंतर तो यही है कि हॉटलाइन आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। फिर टेलिफोन के जरिए आपको बात करने के लिए पहले नंबर डायल करना होता है जबकि हॉटलाइन में नंबर डायल करने की जरूरत नहीं होती है। हॉटलाइन में रिसीवर उठाते ही दूसरे एंड पर फोन लग जाता है।

पहली बार कब इस्तेमाल हुई हॉटलाइन?

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इंग्लैंड और अमेरिका के बीच हॉटलाइन का काफी इस्तेमाल किया गया। इसके बाद 1963 में रूस और अमेरिका के बीच हॉटलाइन स्थापित की गई। दरअसल, अक्टूबर 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट के वक्त सोवियत संघ और अमेरिका न्यूक्लियर युद्ध के करीब आ गए थे। तभी उन्हें बेहतर संचार व्यवस्था की जरूरत लगी और 20 जून 1963 को हॉटलाइन सेवा शुरू की।

भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच है हॉटलाइन

भारत और पाकिस्तान तथा भारत और चीन के बीच भी हॉटलाइन सेवा है। भारत और पाकिस्तान के बीच मिलिट्री हॉटलाइन के अलावा भी दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच बातचीत के लिए ऐसी संचार व्यवस्था है। वहीं, इसके अलावा भारत-चीन के बीच सैन्य स्तर पर हॉटलाइन की व्यवस्था है।

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