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क्या है विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020? राज्यसभा ने दी मंजूरी

राज्यसभा ने बुधवार को विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों के कामकाज में पारदर्शिता के लिए जरूरी प्रावधान किए गए हैं।

Written by: Bhasha
Published on: September 23, 2020 11:22 IST
क्या है विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020? राज्यसभा ने दी मंजूरी- India TV Hindi
Image Source : RSTV/PTI क्या है विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020? राज्यसभा ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: राज्यसभा ने बुधवार को विदेशी अभिदाय विनियमन संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी, जिसमें विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों के कामकाज में पारदर्शिता के लिए जरूरी प्रावधान किए गए हैं। उच्च सदन में विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के खिलाफ नहीं है बल्कि उन एनजीओ के हित में है जो पूरी पारदर्शिता के साथ अपना काम कर रहे हैं। 

उन्होंने इस आशंका को भी दूर करने का प्रयास किया कि यह किसी भी संगठन को भयभीत करने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक विदेशों से मिलने वाले अंशदान के दुरुपयोग और विचलन को रोकने के लिये है। उन्होंने कहा कि विदेशी अभिदाय विनियमन कानून (एफसीआरए) एक राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा कानून है और यह सुनिश्चित करने के लिये है कि विदेशी धन भारत के सार्वजनिक, राजनीतिक एवं सामाजिक विमर्श पर हावी नहीं हो। 

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि विधेयक पर चर्चा के दौरान ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। सदन में रविवार को हुए हंगामे को लेकर आठ विपक्षी सदस्यों के निलंबन के विरोध में विपक्ष के कई दलों के सदस्य सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं। 

राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को मजबूत एवं सुरक्षित रखना चाहते हैं और वह देश की हर व्यवस्था में पारदर्शिता लाना चाहते हैं। राय ने कहा कि यह संशोधन विधेयक आत्मनिर्भर भारत के लिये जरूरी है। उन्होंने कहा कि विदेशी अंशदान में पूरी पारदर्शिता जरूरी है। एनजीओ को जिस कार्य के लिये पैसा मिले, वह उसी कार्य में खर्च होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इसके तहत एनजीओ को विदेशी अनुदान के संबंध में दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में खाता खोलना होगा। हालांकि इसके लिए उन्हें दिल्ली आने की जरूरत नहीं होगी और अपने आसपास की किसी भी शाखा के जरिए यह खाता खोला जा सकता है। राय ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में एनजीओ के प्रशासनिक खर्च को मौजूदा 50 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। 

विधेयक के उद्देश्यों के अनुसार एफसीआरए के तहत पूर्व अनुमति या पंजीकरण अथवा एफसीआरए के लाइसेंस नवीनीकरण का अनुरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को अब अपने सभी पदाधिकारियों या निदेशकों के आधार नंबर देने होंगे, विदेशी नागरिक होने की स्थिति में पासपोर्ट की एक प्रति या ओसीआई कार्ड की प्रति देना जरूरी होगा।

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