नई दिल्ली। संसद से कृषि के 2 बिल पास हो चुके हैं लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा तथा उस अध्यादेश की जगल ले लेगा जिसे सरकार पहले लागू कर चुकी है। लेकिन संसद से बिल पास होने के बावजूद विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि इन कानूनों का किसानों का क्या लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कृषि कानूनों के लाभ गिनाए। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को बिहार में सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को हो रहे फायदों की जानकारी अब ग्राउंट रिपोर्ट से भी मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू भी हो गए हैं, क्योंकि इसका अध्यादेश कुछ महीने पहले निकाला गया था। ऐसे प्रदेश जहां आलू बहुत होता है वहां से रिपोर्ट है कि जून-जुलाई के दौरान थोक खरीदारों ने किसानों को अधिक भाव देकर सीधे कोल्ड स्टोरेज से ही आलू खरीद लिया है। बाहर किसानों को आलू के ज्यादा दाम मिले तो मंडी में भी किसानों को ज्यादा दाम मिला।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस साल “मध्य प्रदेश और राजस्थान की तेल मिलों ने किसानों को तिलहन का 20-30 प्रतिशत ज्यादा भुगतान देकर सरसों की खरीदी की है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल ऐसे राज्यों में दालें बहुत होती हैं। इन राज्यों में पिछले साल की तुलना में 15-25 प्रतिशत ज्यादा दाम सीधे किसानों को मिले हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों पर सवाल उठाने वालों को कहा, “अचानक कुछ लोगों को जो दिक्कत होनी शुरू हुई है वो क्यों हो रही है। कई जगह यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि अब कृषि मंडियों का क्या होगा क्या वे बंद हो जाएंगी क्या वहां खरीद बंद हो जाएगी। जी नहीं ऐसा नहीं होगा और मैं स्पष्ट करता हूं यह कानून कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं है, मंड़ियों में पहले जैसे काम होता था वैसे ही अब भी होगा।…….जो यह कहता है कि मंडियां समाप्त हो जाएंगी तो वो किसानों से झूठ बोल रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “हमारे यहां 85 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनके बहुत कम जमीन है……… उन्हें अपनी थोड़ी से उपज पर सही कीमत भी नहीं मिलती है। लेकिन जब ऐसे किसान अगर एक संगठन बनाकर यही काम करते हैं तो उनका खर्च कम होने के साथ सही कीमत भी सुनिश्चित होती है। बाहर से आए खरीदार इन संगठनों से समझौता करके सीधे उनकी उपज खरीद सकते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “किसानों के हितों के लिए ही दूसरा कानून बनाया गया है। किसान के खेत की सुरक्षा, अच्छे बीज, अच्छे खाद, सभी की जिम्मेदारी जो किसान के साथ कॉम्ट्रेक्ट करेगा उस खरीदार की होगी। किसान से जो समझौता करेगा उसकी होगी। इन सुधारों से कृषि में निवेश बढ़ेगा, किसानों को आधुनिक टेक्नोलॉजी मिलेगी और उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचेंगे। बिहार में हाल रही में 5 कृषि उत्पादक संघों ने मिलकर चावल बेचने वाली एक बहुत मश्हूर कंपनी के साथ समझौता किया है जिसके तहत 4000 टन धान वो कंपनी बिहार के छोटे किसान संगठनों से खरीदेगी। अब इन किसानों को मंडी नहीं जाना पड़ेगा उनकी उपज सीधे नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट में पहुंचेगी।”