करीब 15 साल से भी अधिक समय के इंतजार के बाद सोमवार को दिल्ली और हरियाणा के लोगों को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे यानि कि कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे की सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के सुल्तानपुर में इस महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। केएमपी एक्सप्रेस वे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे भी कहा जा सकता है। केएमपी एक्सप्रेस वे को 2009 में पूरा होना था। लेकिन विभिन्न कारणों से इसका निर्माण टलता रहा। ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल वे इस एक्सप्रेस वे से 8 राज्यों के कुल मिलाकर 50000 भारी वाहन गुजरेंगे। यह हाइवे इन्हें दिल्ली से डायवर्ट करने का काम करेगा।
दिल्ली को मिलेगी नई रिंग रोड
वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे एक तरह से दिल्ली की नई रिंग रोड होगी। प्रधानमंत्री इस साल मई में 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे की शुरुआत कर चुके हैं। यह एक्सप्रेस वे पलवल से ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत होते हुए कुंडली तक जाता है। वहीं नया वेस्टर्न एक्सप्रेस वे पलवल मानेसर को कंडली से जोड़ेगा। इसकी लंबाई 83 किमी होगी। इस प्रकार यह दिल्ली के लिए एक नई रिंगरोड का काम करेगी।
क्या है केएमपी एक्सप्रेस वे और इसके फायदे
- केएमपी एक्सप्रेस वे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे भी कहा जा सकता है। केएमपी एक्सप्रेस वे को 2009 में पूरा होना था। लेकिन विभिन्न कारणों से इसका निर्माण टलता रहा।
- सबसे पहली बार केएमपी का प्रस्ताव 2003 में आया था। तब इसकी लागत 1915 करोड़ थी।
- इसकी कुल लंबाई 83 किमी. की होगी। यह एक्सप्रेस वे हरियाणा के 5 जिलों सोनीपत, झज्झर, गुरुग्राम, मेवात और पलवल से होकर गुजरेगा।
- इससे पहले इसी साल प्रधानमंत्री ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे की शुरूआत की थी। यह पलवल से लेकर गाजियाबाद को जोड़ता है।
- ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल वे इस एक्सप्रेस वे से 8 राज्यों के कुल मिलाकर 50000 भारी वाहन गुजरेंगे। यह हाइवे इन्हें दिल्ली से डायवर्ट करने का काम करेगा।
- इससे दिल्ली आने वाले वाहनों की संख्या में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आएगी।
- यह सोनीपत के पास एनएच 1, बहादुर गढ़ के पास एनएच 10, मानेसर में एनएच 8 और पलवल के पास एनएच 2 को जोड़ेगा।
- इस 6 लेन एक्सप्रेस वे में पार्किंग, पेट्रोल पंप, हेलीपैड, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, होटल आदि उपलब्ध होंगे। इसमें 8 छोटे और 6 बड़े पुल, 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 34 अंडरपास और 64 पैदल पार पुल होंगे।
- यहां कारों के लिए स्पीड लिमिट 120 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटा होगी।
- इससे दिल्ली को प्रदूषण से निजाद मिलेगी। भारी वाहनों को दिल्ली होकर जाने की जरूरत नहीं होगी।