कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बाढ़ के कारण मरनेवालों की तादाद बढ़कर 31 हो गई। इस बीच वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में भोजन और दवाइयां गिराई और पश्चिम मिदनापुर जिले में नौ लोगों को बचाया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन यदि बांधों से पानी छोड़ा गया तो स्थिति फिर बिगड़ सकती है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "पिछले 24 घंटों में तीन और लोगों की मौत हो गई है। 21 जुलाई से लेकर बाढ़ में मृतकों की संख्या 31 हो गई है।" लेकिन इस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि ये मौतें कहां और कैसे हुईं।
बाढ़ प्रभावित 11 जिलों में लगभग 2,067 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 104 विकासखंडों के 165 गांव मॉनसूनी बारिश और दामोदर घाटी निगम के बांधों से पिछले सप्ताहांत छोड़े गए पानी में डूबे हुए हैं। बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना से निकलते समय कहा, "बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन यदि अधिक पानी छोड़ा गया तो स्थिति फिर से बिगड़ सकती है। छोड़े गए पानी की मात्रा 1978 के बाढ़ के दौरान छोड़े गए पानी की मात्रा से अधिक थी।"
पश्चिम मिदनापुर जिले के घटाल ब्लॉक के प्रतापपुर गांव में फंसे लोगों के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, "घटाल से कई लोगों को बचाया गया है और हम अपनी कोशिश कर रहे हैं।" रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित नौ लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने इलाके से बचाया है। हेलिकॉप्टरों ने बैरकपुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी। प्रवक्ता ने कहा, "नौ लोगों को बचाया गया और भोजन व दवाइयां गिराई गईं।" राज्य सरकार के अधिकारी ने कहा कि बारिश बंद होने तथा बांधों से पानी कम छोड़े जाने से प्रभावित जिलों में स्थिति सुधरी है। इस बीच, दामोदर घाटी निगम ने पड़ोसी झारखंड में स्थित पंचेत बांध के लिए बाढ़ की पीली चेतावनी वापस ले ली है।