भारत के दो प्रमुख महानगर इस समय मौसम की विभीषका से गुजर रहे हैं। एक तरफ झमाझम बारिश में मुंबई डूबी है तो वहीं चेन्नई में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। यहां लोगों के घरों में पानी की सप्लाई बंद है। लोग पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं। हालत ऐसे हैं कि महज़ कुछ घड़े पानी के लिए लोग दिन-रात टैंकर का इंतज़ार करते हैं। प्राइवेट टैंकरों से भी पैसे देकर महंगी कीमत पर पानी खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को अब पानी के लिए सरकार के साथ साथ इंद्र देवता का आसरा है।
मुंबई में मानसून की पहली बारिश हुई, जिसके बाद मायानगरी की सड़कें समंदर में तब्दील हो गईं। वहीं गुजरात के वलसाड में भी बारिश के चलते शहर की सड़कों से लेकर अस्पताल और ऑफिस पानी में डूब गए हैं। वहीं दूसरी ओर चेन्नई में लोग खाली घड़े लिए पानी के टैंकर्स का इंतज़ार करने को मजबूर हैं। टैंकर आते ही लोग उस पर टूट पड़ते हैं। कुछ को पानी मिलता है। तो कुछ खाली हाथ ही घर लौट जाते हैं। पानी के लिए इतनी मारामारी है कि लोग नलों में ताला लगाने लगे हैं।
बोरवैल से लेकर नल तक सूखे
चेन्नई में कमोबेश हर इलाके में यही हाल है। यहां घरों में बोरवेल का पानी उपलब्ध नहीं है। प्यास बुझाने और हरदिन का कामकाज पूरा करने के लिए टैंकर ही एकमात्र सहारा है। लेकिन इन टैंकर से प्रति परिवार को सिर्फ छह घड़े पानी ही उपलब्ध हो पाता है। अब ज़रा सोचिए छह घड़े पानी में नहाने-धोने से लेकर घर में खाना बनाने का काम कैसे पूरा होगा।
300 मिलियन लीटर पानी की कमी
चेन्नई को हर रोज तकरीबन 800 मिलियन लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन तमाम संसाधनों को जुटाने के बावजूद सरकार सिर्फ 500 मिलियन लीटर पानी की सप्लाई कर पा रही है। चेन्नई में करीब चौबीस झीलें हैं। इनमें से चार जलाशय शहर में पानी सप्लाई करने के लिए सबसे अहम हैं। लेकिन ये जलाशय भी करीब-करीब सूख गए हैं। ऐसे में इस महानगर में लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा चेन्नई का जलसंकट
चन्नई में पानी का ऐसा संकट है कि हॉलीवुड स्टार लियानार्डो डि कैप्रियो ने भी हालत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पानी की समस्या पर फोटो शेयर करते हुए लिखा। सिर्फ बारिश ही चेन्नई को बचा सकती है। ऐसे में अब लोगों को भी बारिश का इंतज़ार है ताकि इंद्र देवता मेहरबान हों और इस मुसीबत से उन्हें छुटकारा मिले।