नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी विच्छोभ के कारण उत्तरी-पश्चिमी भारत में मानसून की तेजी में कमी आयी है और उसे दिल्ली पहुंचने में सात से 10 दिन का समय लग सकता है। मौसम विभाग के क्षेत्रीय केन्द्रीय के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘पछुआ हवाओं में कुछ प्रतिकूल बदलाव होने के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून के उत्तर-पश्चिम भाग के बाकी हिस्से में पहुंचने में देरी हुई है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसकी सूचना दी जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह देरी 7 से 10 दिनों की हो सकती है। कल स्थिति ज्यादा स्पष्ट होगी।’’ मौसम विभाग ने पहले अनुमान लगाया था कि मानसून निर्धारित समय से 12 दिन पहले करीब 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा। सामान्य तौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। विभाग के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को हल्की बारिश हो सकती है। पिछले साल मानसून 25 जून को दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक पूरे देश में छा गया था।
सोमवार को भी मौसम विज्ञान विभाग ने ऐसा ही अनुमान जताया था। विभाग ने पूर्वानुमान में कहा था कि उत्तर भारत के कई हिस्सों को अभी मानसून के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि समीप आ रही पछुआ हवा की वजह से उसकी रफ्तार धीमी हो सकती है। विभाग ने सोमवार को कहा था कि मानसन का उत्तरी छोर का प्रभाव दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नौगोंग, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर में बना हुआ है।
हिमाचल में मानसून, कई इलाकों में बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून के रविवार को आधिकारिक तौर पर हिमाचल प्रदेश पहुंचने के साथ ही राज्य के कई इलाकों में बारिश हुई। मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि रविवार को राज्य के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। उन्होंने बताया कि सोलन जिले के कांडाघाट में 51.6 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद शाहपुर (कांगड़ा) में 36.5 मिमी और डलहौजी (चंबा) में 28 मिमी बारिश हुई।
मनमोहन सिंह ने बताया कि पिछले साल प्रदेश में 24 जून को मानसून आया था जबकि सामान्य रूप से उसके पहुंचने की तारीख 26 जून तय है। सोमवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने का अनुमान है जबकि राज्य के कुछ निचले और मध्य पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है।
(इनपुट- भाषा)