नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में 4 मेंबर होंगे और यह कमेटी 4 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। एक्सपर्ट कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेता ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मंजूर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होनें कहा कि कमेटी के सदस्य सरकार के समर्थक है। वह किसान आंदोलन को लेकर सरकार के समर्थन में बात करते रहे है। किसान नेता ने कहा कि अगर कमेटी के सदस्य बदल भी जाएं तो भी हम कमेटी के सामने पेश नही होंगे। किसान नेता ने कहा कि 26 जनवरी को हमारा होने वाला आंदोलन ऐतिहासिक होगा। हम इस आदंलोन के बारे में 15 जनवारी को और जनकारी देंगे।
किसान नेता राजेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है हमें उसके बारे में मीडिया के जरिए ही पता चला है। हमें डिटेल्स नही मिली है। उन्होनें कहा कि ये सरकार की शरारत है। जो भी कमेटी के मेंबर है वो प्रो सरकार है, सब वो है जो कानून को सही ठहराते रहे है। ये कमेटी मुद्दे को डाइवर्ट करने के लिए है।
वहीं किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि आज हमने पंजाब किसान संगठनों के साथ बैठक की है। कल हम पूरे संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक करेंगे। उन्होनें कहा कि कल हमने प्रेस नोट में बताया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई कमेटी बनाएगा तो हमें मंज़ूर नहीं है। हमें लगता है कि जो सरकार नहीं कर पाई वो सुप्रीम कोर्ट के जरिए करा रही है। उन्होनें कहा कि कल को ये कमेटी के लोग बदल भी दें तो भी हम कमेटी के सामने नहीं जाएंगे। हमारा ये संघर्ष अनिश्चितकालीन है। हम शांतिपूर्ण तरीक़े से आंदोलन चलाते रहेंगे।
बलबीर सिंह राजोवाल ने कहा कि हमारा 26 जनवरी का पूरा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होनें कहा कि ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम लाल किले को फ़तह करना है, संसद पर कब़्ज़ा करना है, ऐसा संयुक्त किसान मोर्चा ने नहीं कहा है। उन्होनें कहा कि हम पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेंगे। हम 15 तारीख को अपने 26 जनवरी के कार्यक्रम के बार में बताएंगे।