नयी दिल्ली: उत्तरी रेलवे के लखनऊ मंडल में काम करने वाले ट्रैकमैन धर्मेंद्र कुमार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि वह और उनके सहकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के घर का निर्माण-कार्य नहीं करेंगे और वे केवल रेलवे के लिए काम करेंगे। रेलवे में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ‘‘बंधुआ मजदूर’’ के तौर पर काम करने की औपनिवेशिक परंपरा के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए ट्रैकमैन ने यह चिट्ठी रेल मंत्री को लिखी है।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों को अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से घरेलू काम नहीं कराने का निर्देश दिया था और कहा था कि जो अधिकारी ऐसा करना जारी रखेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री के आदेश के बाद से , गैंगमैन, ट्रैकमैन समेत करीब ग्रुप-डी के 10,000 रेल कर्मचारियों को वरिष्ठ अधिकारियों के घर से निकाला गया और उन्हें फिर से सुरक्षा और रख-रखाव कार्य में लगाया गया। जाहिर है , कुमार और उनके पांच सहकर्मी उनमें शामिल नहीं हैं।
बंधुआ मजदूर जैसा व्यवहार
ट्रैकमैन कुमार ने 13 जुलाई को लिखी एक चिट्ठी में मंत्री को बताया कि उनके वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर राजकुमार वर्मा ने उन्हें और पांच अन्य ट्रैकमैन को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित रेलवे जिला मुख्यालय से करीब 500 मीटर की दूरी पर अपने निजी घर के निर्माण-कार्य में लगाया था। उसमें कहा गया, ‘‘वे ग्रेड -4 कर्मचारियों के साथ बंधुआ मजदूर जैसा व्यवहार करते हैं। हमने रेलवे का काम करने के लिए रेलवे की नौकरी की है, अपने वरिष्ठ अधिकारियों की सेवा करने के लिए नहीं। उन्होंने इन कर्मियों को पिछले महीने अपने घर के निर्माण कार्य में लगा दिया। जब मैंने उन्हें मना किया, तो उन्होंने मुझे निलंबित करने की धमकी दी।’’
मुझे धमकी दी जा रही है
कुमार ने बताया, ‘‘मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन किसी ने अभी तब कोई प्रतिक्रिया नहीं की है।’’ कुमार ने बताया कि उसने निर्माण स्थल पर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों की एक वीडियो शूट किया है। मंत्री को भेजे शिकायत पत्र के साथ वह वीडियो भी संलग्न है। कुमार ने कहा, ‘‘मुझे धमकी दी जा रही है लेकिन मैं परेशान होने वाला नहीं हूं। मैं उनका घर बनाने में उनकी कैसे मदद कर सकता हूं जब देश में ट्रेन के पटरी से उतरने की इतनी ज्यादा घटनाएं हो रही हैं ? मैं चाहता हूं कि मंत्री इसपर सख्य कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि हमारे जैसे कर्मचारियों के साथ इस तरह का बर्ताव न किया जाए।’’
कड़ी कार्रवाई की जाएगी
इस मामले पर उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता नितिन चौधरी ने बताया, ‘‘मंडल रेल प्रबंधक ने इस मामले में एक जांच का आदेश दिया है। जांच को लखनऊ मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी संचालित करेंगे। जांच में अगर किसी को दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ (भाषा)