मुंबई: माओवादियों से संबंध रखने के संदेह में कुछ लोगों पर की गई अपनी कार्रवाई को महाराष्ट्र पुलिस ने सही ठहराया है। महाराष्ट्र के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) परमवीर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इन माओवादी 'शुभचिंतकों' के खिलाफ सबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है। पुलिस ने आरोप लगाया कि माओवादी कानून व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे। पुलिस के मुताबिक, माओवादियों के साथ इस साजिश में एक आतंकी संगठन भी शामिल था।
महाराष्ट्र पुलिस ने माओवादियों के कई पत्रों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि वे सरकार को पलटने के लिए हथियार और ग्रेनेड लॉन्चर खरीदना चाहते थे। पुलिस ने बताया कि एक अन्य चिट्ठी में राजीव गांधी जैसी घटना का भी जिक्र किया गया है। इन चिट्ठियों में कश्मीर के अलगाववादियों के साथ मिलकर हमला करने की बात भी कही गई है। पुलिस ने बताया कि छापे के दौरान जो सबूत मिले हैं उनके मुताबिक माओवादी देश में कानून व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार को पलटने की साजिश रच रहे थे।
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज के संबंध माओवादियों से साबित हुए हैं और इसके पर्याप्त सबूत मिले हैं। एडीजी सिंह ने वरवरा राव और रोना विल्सन की कई चिट्ठियों को दिखाते हुए दावा किया कि इन लोगों के माओवादियों के गहरे संबंध थे और वे माओवादियों को पैसे मुहैया कराते थे। एडीजी ने बताया कि कि छापेमारी की विडियोग्राफी की गई और सीज के बाद कॉपी आरोपियों को भी दी गई। उन्होंने कहा कि सबूतों को फरेंसिंक जांच के लिए भेज दिया गया है।
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