Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. महाराष्ट्र में हमारे पास लगभग 122 विधायक, मुख्यमंत्री हमारा था और रहेगा: BJP

महाराष्ट्र में हमारे पास लगभग 122 विधायक, मुख्यमंत्री हमारा था और रहेगा: BJP

महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने में पेंच फंसने पर भी भाजपा बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है। सभी निर्दलीय विधायकों को अपने साथ खड़ा कर भाजपा शिवसेना पर दबाव बनाने में जुटी है।

Reported by: IANS
Published : October 28, 2019 16:45 IST
devendra fadnavis and uddhav thackeray
devendra fadnavis and uddhav thackeray

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने में पेंच फंसने पर भी भाजपा बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है। सभी निर्दलीय विधायकों को अपने साथ खड़ा कर भाजपा शिवसेना पर दबाव बनाने में जुटी है। ठाकरे घराने से किसी सदस्य के तौर पर पहली बार चुनाव लड़कर आदित्य ठाकरे के जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना की निगाह गड़ने पर भाजपा ने साफ कर दिया है कि यह पद उसे नहीं मिलने वाला।

भाजपा का कहना है कि उसे 15 निर्दलीयों का भी समर्थन मिला है। छोटे दलों के कुछ और भी विधायक संपर्क में हैं। इस प्रकार वह 2014 की तरह ही संख्याबल के आधार पर मजबूत स्थिति में है। कुल मिलाकर भाजपा, शिवसेना को संदेश देने की कोशिश में है कि वह इस चुनाव में किसी तरह से कमजोर नहीं हुई है।

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की प्रवक्ता श्वेता शालिनी ने सोमवार को कहा, "भाजपा के साथ 15 निर्दलीय विधायक खड़े हैं। ये निर्दलीय भाजपा के ही नेता रहे हैं, जो गठबंधन आदि वजहों से टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय लड़कर जीते हैं। 2014 की तरह ही पार्टी के पास अब भी 122 विधायकों का समर्थन है।"

बता दें कि मीरा भायंदर सीट से भाजपा का टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़कर जीतीं गीता जैन, बरसी सीट से राजेंद्र राउत, अमरावती जिले की बडनेरा सीट से जीतने वाले रवि राणा ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। भाजपा का कहना है कि इन तीनों की तरह अन्य निर्दलीय विधायकों ने खुद भाजपा से संपर्क कर समर्थन देने की बात कही है, क्योंकि उनका नाता भाजपा से ही रहा है। नतीजे आने के दिन 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी 15 निर्दलीयों के संपर्क में होने की बात कही थी।

शिवसेना के मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ जाने के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता श्वेता शालिनी ने कहा, "मुख्यमंत्री भाजपा का था, है और आगे भी रहेगा। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा का रुख साफ है। शिवसेना भी इसे जानती है।"

दरअसल, राजग को बहुमत मिलने के बाद भी सरकार बनाने का पेंच तब फंस गया, जब 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के दौरान तय हुए 50-50 फॉर्मूले की बात उठा दी थी। उन्होंने संकेत दिए कि शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है। सीएम कौन होगा? प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सवाल पर उन्होंने कहा था, "यह बेहद अहम सवाल है।"

चुनाव से पूर्व शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे उद्धव ठाकरे ने अपने इंटरव्यू में भी कहा था कि वह शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। जिसके बाद से भाजपा-शिवसेना में सरकार बनाने को लेकर अबतक पेंच फंसा हुआ है। सोमवार को दोनों दलों के नेताओं ने राज्यपाल से अलग-अलग भेंट भी की। इससे माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री और सरकार में पदों को लेकर बातचीत सुलझ नहीं सकी है।

भाजपा प्रवक्ता श्वेता शालिनी ने कहा, "लोकसभा चुनाव के दौरान जिस 50-50 फॉर्मूले की बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कह रहे हैं, उसमें बहुत-सी बातें हो सकतीं हैं। चुनाव के दौरान 50-50 प्रतिशत सीटों पर लड़ने की बात भी तो हो सकती है। इसका मतलब ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से नहीं लगाया जा सकता।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement