Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. इंडिया टीवी के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, 'हम नहीं जानते कि पाकिस्तान में हमें किससे बात करनी चाहिए'

इंडिया टीवी के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, 'हम नहीं जानते कि पाकिस्तान में हमें किससे बात करनी चाहिए'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करने की कोशिश की लेकिन 'पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई नहीं जानता कि देश कौन चला रहा है और हमें किससे बात करनी चाहिए।'

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 05, 2019 10:16 IST
'We do not know whom we should talk to in Pakistan', says PM Modi in exclusive interview to India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV 'We do not know whom we should talk to in Pakistan', says PM Modi in exclusive interview to India TV   

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करने की कोशिश की लेकिन 'पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई नहीं जानता कि देश कौन चला रहा है और हमें किससे बात करनी चाहिए।' नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में करीब ढाई हजार दर्शकों के सामने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को दिये विशेष इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही।

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा उन्हें लिखे गए उस चिट्ठी के जवाब के तौर पर है, जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करना महत्वपूर्ण है।'

देखिए रजत शर्मा के साथ पीएम मोदी को पूरा एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू  

पीएम मोदी ने कहा: 'इमरान जब अपनी पार्टी के सबसे बड़े नेता चुनकर आए तो मैंने टेलीफोन भी किया था देश के एक मुखिया के नाते। और तब भी मैंने उनसे कहा था..देखिए इतनी बार हमने लड़ाईयां लड़ लीं...हर बार आपकी पिटाई हुई...आतंकवाद करके भी कुछ पाया नहीं। ये जितना हमने बर्बादी 40 साल में की है, अगर हम पांच साल..मैं मेरे देश में गरीबी के खिलाफ लड़ूं...आप अपने देश में गरीबी के खिलाफ लड़िए...हम दोनों गरीबी के खिलाफ लड़ें...हम अपने आवाम का भला करेंगे।
 
''तो इमरान खान ने कहा, 'देखो मोदी जी मैं पठान का बच्चा हूं..मैं सच बोलता हूं...मैं कहता हूं आइये हम नई शुरुआत करें...ये बात हुई थी।'
 
'पाकिस्तान में एक समस्या है...ये मेरा अकेले का अनुभव नहीं है..दुनिया के देशों का अनुभव है। मैंने दुनिया के कई देश के महापुरुषों से बात की है। गल्फ कंट्री के, अरब राष्ट्रों के सभी नेताओं से मैंने बात की है। मैंने अमेरिका, चाइना, रसिया उन सब से भी बात की है। एक बात ज्यादातर उभर कर आती है कि भाई पाकिस्तान (अमेरिका बोल गए) में बात करोगे भी तो किससे करोगे? आर्मी से करोगे? आईएसआई से करोगे? कि इलेक्टेड बॉडी से करोगे...बोले पता ही नहीं चलता वो देश कौन चलाता है..तो ये सबसे बड़ी समस्या है। पहले वो अपनी ये समस्या सुलझा लें।'
 
नवाज शरीफ और लाहौर यात्रा
 
पूर्व पीएम नवाज शरीफ का जिक्र 'एक सही व्यक्ति' के रूप में करते हुए पीएम मोदी ने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने नवाज शरीफ के लाहौर आमंत्रण को त्वरित तौर पर स्वीकार किया था। नवाज शरीफ और उनकी बेटी पानामा पेपर केस में इन पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।
 
'उन्होंने (नवाज शरीफ) मेरा आमंत्रण स्वीकार किया था और मेरे शपथ समारोह (2014) में सार्क देशों के नेताओं के साथ आए थे। दिसंबर 2015 में मैं अफ़गानिस्तान गया था। मेरा अफ़गानिस्तान में कार्यक्रम था और शाम को मुझे हिन्दुस्तान लौटना था क्योंकि अटल जी का 25 दिसम्बर को जन्मदिन था और नवाज शरीफ का भी। मैंने जन्मदिन की बधाई के लिए काबुल से नवाज़ शरीफ़ को फ़ोन किया था। तो मैंने कहा, मियां साहब कहां हो? तो उन्होंने कहा- मैं लाहौर हूं। मैंने कहा यार कमाल है, आप अपनी राजधानी में नहीं हो, लाहौर रहते हो। उन्होंने कहा कि मेरी भांजी की शादी है इसलिए मैं लाहौर आया हूं। परिवार के सब लोग यहां हैं। तो फिर उन्होंने मुझसे पूछा आप कहां हो? मैंने कहा कि मैं काबुल में हूं और हिन्दुस्तान जा रहा हूं। तो बोले आप यहां होकर के जाइए। मैंने कहा कि भई अचानक कैसे प्रोग्राम बनाऊंगा। वे बोले...आप आइये 10 मिनट के लिए मिल लेंगे। मैंने अपने विदेश मंत्री सुषमा जी को काबुल से फ़ोन किया तो उन्होंने कहा कि आप फैसला कीजिए।  बाद में मैंने हमारे एनएसए, एसपीजी सबको बुलाया तो सब परेशान थे कि साहब हमारे पास ना वीज़ा है ना सिक्यूरिटी अरेंजमेंट है.. ना वहां कोई अता-पता है। सीधे जाके लैण्ड करेंगे। मैंने कहा, चलो यार देखा जाएगा। तो हम लाहौर गये।'


 
'हम एक सदइच्छा से लाहौर गए क्योंकि वो मेरे यहां शपथ समारोह में आए थे। मुझे लगता था कि शायद ये जेन्युइन आदमी हैं, कुछ कर पायेंगे...और मुझे सिर्फ़ कर्टसी कॉल करना है तो हम क़रीब आएं। वहां पहुंचे तो कहा गया कि मुझे भी उनके हेलिकॉप्टर में घर जाना होगा। नॉर्मली एक देश का मुखिया दूसरे देश में किसी दूसरे के जहाज़ में नहीं बैठता है। सोचता है 50 बार। मैंने कहा चलो यार...तो हम उनके हेलिकॉप्टर में बैठ गये। उनके हेलिकॉप्टर में हम गये। उनके परिवारजनों से मिले। चाय वगैरह पिया...गुड़ी-गुड़ी बातें हुई...बाक़ी तो कोई सीरियस नहीं। काफ़ी लोग थे हम, लेकिन पूरे पाकिस्तान में एक मैसेज गया कि भारत सचमुच पाकिस्तान का बुरा नहीं चाहता है। ये सबसे बड़ी सफ़लता थी मेरे एक घन्टे के इस विजिट की। पाकिस्तान के कॉमन मैन के दिल में...जो झूठ फैलाया गया था, उसको ये मैसेज चला गया कि हिन्दुस्तान पाकिस्तान की आवाम का भला चाहता है। हम वापस आये लेकिन एक ही हफ़्ते में पठानकोट (हमला) हो गया।'
 
विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी
 

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान की हिरासत से उन्होंने कैसे भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को सुरक्षित और जल्द रिहा कराया, प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा: 'वो एक रात थी। जिस रात में कई राज थे। राज को राज ही रहने दीजिए।'
रजत शर्मा- एक अमेरिकन रिपोर्ट के मुताबिक आप ने 12 मिसाइल लगा दिए थे पाकिस्तान के सामने?
नरेन्द्र मोदी- मैं भी बहुत कुछ सुनता हूं।
 
कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं है
 
यह पूछे जानेपर कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मूसद अजहर को 'ग्लोबल टेररिस्ट' घोषित करने के प्रस्ताव पर भारत ने चीन को कैसे राजी किया, प्रधानमंत्री ने कहा: 'मुझे लगता है कि आपका एनालिसिस थोड़ा करेक्ट करना चाहिए। आज रियालिटी क्या है? आप आज से पहले दुनिया में हम कहां थे? जब भी पाकिस्तान का मसला आता था तो कश्मीर पर अटक जाता था। जब भी पाकिस्तान की बात आती थी...तो रूस अकेला देश...हमारे साथ होता था पूरी दुनिया पाकिस्तान के साथ होती थी।'

'ये पिछले चालीस साल का रिकॉर्ड है। पिछले पांच साल में आप देखते होंगे कि अनेक घटनाओं में कि अकेला चीन पाकिस्तान के साथ होता है और पूरी दुनिया हमारे साथ होती है। ये बहुत बड़ा बदलाव है। दूसरा, आतंकवाद के सम्बन्ध में हमारी कंसिसटेंस पॉलिसी है। कोई फ़ोरम ऐसा नहीं है दुनिया का जिसमें भारत की हाज़िरी हो और भारत ने मानवता के पक्ष की वकालत ना की हो। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। आतंकवाद किसी देश का नहीं, दुनिया की मानवता का ख़तरा है। ये लोगों को कन्विंस कराने मैं सफ़ल हुआ हूं। भारत सफ़ल हुआ है, और इसलिए अंतरराष्ट्रीय जगत में कश्मीर मुद्दा रहा नहीं है। अंतरराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद मुद्दा है और उस मुद्दे पर दुनिया को साथ लेने का लगातार प्रयास भारत की एक कूटनीतिक विजय है। ये (यूएन में मसूद अजहर पर प्रस्ताव पास होना) डिप्लोमेटिक विक्ट्री (कूटनीतिक जीत) है और जो इसके जानकार लोग हैं, वो ज़रूर कभी-न-कभी कहेंगे कि जितनी ताक़त सर्जिकल स्ट्राइक की है, जितनी ताक़त एयर स्ट्राइक की है, उतनी ही ताक़त ये यूएन के रिज्यूलेशन की है। इसका इतना लम्बा इम्पैक्ट होने वाला है।'
 
'अब ये लोग (एक्सपर्ट) जो एनालिसिस करते हैं, उनको एनालिसिस करना चाहिए। अगर मेरी तरफ़ से ये दो जेस्चर (अनुकूल प्रयास) ना हुए होते, एक- शपथ समारोह में बुलाना और दूसरा, काबुल से आते समय कुछ समय रूक कर लाहौर में मिलना। इन दोनों का इतना पॉजिटिव इनवायरमेंट था कि विश्व को पठानकोट, उरी के बाद की घटनाएं या पुलवामा...ये समझाने में मुझे मेहनत ही नहीं पड़ रही है। दुनिया मान गई कि मोदी सच है...देखिए उसने कोशिश की थी। ये गड़बड़ पाकिस्तान की है। ..तो इन दो घटनाओं ने हिन्दुस्तान को आने वाले कई वर्षों तक लाभ होने वाला है। ये जिनको (विपक्ष को) समझ नहीं है, झूले पर क्यों बैठे? चाय पीनेक्यों चले गये? कुछ लोग तो बिरयानी बीच में ले आए हैं, तो ये लोगों को कुछ समझ ही नहीं है। उनके दिमाग़ में राजनीति इतनी भर गई है कि राष्ट्र नीति भूल जाते हैं। राष्ट्र नीति सर्वोपरि होती है राजनीति तो बाद की बात होती है। लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि अब...मेरे नसीब में ऐसा विपक्ष मिला है, तो मैं क्या करूं।
 
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बुरी तरह हिल गया था
 
यह पूछे जानेपर कि विपक्ष बालाकोट में भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक के कारण हुए नुकसान का सबूत मांग रहा है, प्रधानमंत्री ने कहा: 'देश के किसी भी नागरिक को सबूत मांगने का हक है। राजनीतिक दलों के नेताओं को भी सबूत मांगने का हक है, लेकिन सबूत मानना भी उनकी जिम्मेवारी है। इनका (विपक्ष का) प्रॉब्लम है..मांगते रहो लेकिन मानो कुछ नहीं। सबसे बड़ा सबूत पाकिस्तान खुद है जी। आप मुझे बताइये, हमने तो कुछ डिक्लेयर नहीं किया था। हमारी जो स्ट्रेटजी थी..उसके हिसाब से तो सुबह हम मीटिंग करने वाले थे। मीटिंग कर कुछ योजना करने वाले थे। उस तरह से हमने सारा प्लान किया था। जब साढ़े तीन बजे सब पूरा हो गया, हमारे लोग लौट आए...अपना यूनिफॉर्म उतारकर सब चायवाय कर रहे थे..तब बड़ा हंसी मजाक का कामकाज चल रहा था। मुझे भी इनफॉर्म कर दिया गया तो पहले मेरा मन किया चलो सो जाएं। फिर मेरा मन किया कि देंखे यार इंटरनेशनल जगत में कुछ हलचल तो नहीं है। मैं जरा ऑनलाइन जाकर सारा सर्फिंग करने लगा कि दुनिया में कहीं पर इस घटना पर खबर तो आना नहीं शुरू हो गई है। घटना बहुत बड़ी थी...उधर मेरे लोगों को मैंने कहा अब आप सो जाइये..थके हुए होंगे सुबह बात करेंगे। लेकिन मैं नहीं सोया। पांच..सवा पांच बजे पाकिस्तान ने ट्वीट किया कि भारत आकर के मारकर चला गया। तो मैं फिर समझ गया कि मामला कुछ..वो सिंपथी गेन करने के लिए कुछ कर रहे हैं। रोना शुरू कर दिया। मैंने फिर हमारे लोगों को इकट्ठा किया और कहा भाई तुरंत बैठना पड़ेगा। रातभर जगे थे लेकिन फिर भी इकट्ठे हुए। फिर परिस्थिति का मूल्यांकन किया..और आगे की रणनीति बनाते रहे।'


 
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने बालाकोट में कुछ पेड़ों को नष्ट कर दिया, दुनिया को यह बताने के लिए कि वायुसेना अपने हवाई हमले में विफल रही, मोदी ने जवाब दिया: 'इस विषय के जानकार लोग जो हैं उन्होंने खोज कर निकाला है, जिसकी चर्चा पिछले दो चार दिन से ज्यादा हो रही है। इस सबजेक्ट के जो एकस्पर्ट हैं..उन्होंने कहा...उनके (पाकिस्तान) लिए मुसीबत थी कि भारत ने आकर के यहां (हमला) किया है तो ये सिद्ध हो जाता था कि यहां टेररिस्ट कैंप था। क्योंकी इतनी बड़ी पहाड़ी पर, घने जंगल में...एक अकेली बिल्डिंग और जिसमें 600 लोगों के रहने की एकमोडेशन...तो हर किसी को सवाल उठता कि भाई क्या था? इसलिए इनको छुपाने के लिए कोई ना कोई रास्ता ढूंढना पड़ेगा। पाकिस्तान के लिए दोनों तरफ से मौत है..ये भी कहें कि कोई आया था बम गिरा था...तो भी फंस रहे हैं..और वो इतने डर गये थे जी..वो गलतियों पर गलतियां कर रहे थे। विमान उनका गिरा, उन्होंने कह दिया हिंदुस्तान का गिरा। पायलट उनका मरा, उन्होंने कह दिया हिंदुस्तान का मरा। यानि वो बिल्कुल ही बैलेंस खो चुके थे और बैलेंस खोने का कारण था कि इतनी बड़ी घटना उनके लिए असंभव थी। और अभी वो सदमे से बाहर नहीं आए हैं।‘
 
'भारत में अगर चुनाव ना होते और ये तूतू-मैंमैं ना होती, सामान्य दिवसों में ये घटना हुई होती तो विश्व के जो महत्वपूर्ण मिलिट्री ऑपरेशन हुए हैं इसकी उसमें गिनती होती। ये चुनाव के तूतू-मैंमैं में भारत के वीरों के पराक्रम को हमने नजरअंदाज किया है। इसलिए मैं तो इश्वर से प्रार्थना करता हूं कि चुनाव नतीजे के बाद..शांति से इसके जो एक्सपर्ट हों, वो देश को समझाएं कि भारत के लोग कितने पराक्रमी हैं, इतना बढ़िया काम किया है।'
 
यह पूछे जानेपर कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भी कई सर्जिकल स्ट्राइक की थी, पीएम मोदी ने कहा: 'कांग्रेस के पास अभी एक ही पूर्व प्रधानमंत्री हैं। पहले रिमोट से सरकार चलवाई जाती थी परिवार के द्वारा...अब रिमोट से कुछ बुलवाया जाता है।'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में


 
प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से बताया कि कैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उनके साथ व्हाइट हाउस में 9 घंटे बिताए। उन्होंने कहा: 'मैं जब पहली बार राष्ट्रपति ट्रंप से मिला तो व्हाइट हाउस में हम 9 घंटे रहे थे। शायद रेयर ऐसा होता होगा..वर्ना एक घंटा जाते हैं, मीटिंग करते हैं। वो (ट्रम्प) मुझे ले गए अपना पूरा व्हाइट हाउस दिखाने के लिए। व्हाइट हाउस पहले भी जाता था..अन्य राष्ट्रपति के समय भी गया। वे (ट्रम्प) मुझे अब्राहम लिंकन जिस कमरे में रहते थे वहां स्पेशली ले गए। और मेरे मन पर इसका बड़ा प्रभाव रहा। ना उनके हाथ में कोई कागज था...कुछ नहीं था। उन्होंने उस कमरे में जो टेबल था..कौन सा एग्रीमेंट हुआ था...कौन सा साइन हुआ था..सारा हिस्ट्री डेटवाइज ऐसे ही बोल रहे थे..बिना कागज..I was impressed. और वो भी मुझे प्यार से अपना खुद का कमरा भी मुझे दिखाने के लिए ले गए। काफी देर हम साथ रहे, पूरा परिवार उन्होंने बुलाकर रखा था..और स्वाभाविक थोड़े दिन बाद उनकी बेटी इवांका का भारत आना हुआ...अभी उनके दामाद भी भारत आए थे। तो एक प्रकार से पारिवारिक रिश्ता बन जाता है। लेकिन इसका क्रेडिट मोदी को कम जाता है और इसके मूल में सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी हैं। पहले क्या होता था...हमारी कुछ ऐसी सरकारें चलीं.. जो एक परिवार को ही प्रोजेक्ट करते रहते थे। दुनिया में एक परिवार को ही...मेरे दादा, मेरे नाना, मेरी मां..वगैरह..वैगेरह..वैगेरह...। मैं सिर्फ और सिर्फ मेरा हिंदुस्तान...5 हजार साल पुराना मेरा देश..मेरा योग..मेरा आयुर्वेद...मेरी संस्कृति.. मेरा आर्किटेक्चर.. मैं बस उसी की बातें करता हूं। मैं हिंदुस्तान को लेकर जाता हूं...खुद को बहुत पीछे रखता हूं।‘
 
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बारे में


 
प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा के दौरान मास्को की घटना का जिक्र करते हुए कहा: 'यहां पार्लियामेंट चल रही थी हमें रसिया के साथ बाइलैटरल कॉन्फ्रेंस के लिए मॉस्को जाना था। मैं सीधा पार्लियामेंट से निकल गया एयरपोर्ट पहुंचा।  मॉस्को जब पहुंचे तो माइनस 11 टेंप्रेचर था..और हम लोग तो यहां उतनी ठंड अनुभव नहीं करते। लेकिन वहां उतरकर मुझे एक होटल जाना था..हमारे एंबेस्डर आए। उन्होंने कहा साहब कार्यक्रम में बदलाव हुआ है। मैंने कहा-क्या हुआ है? बोले पुतिन साहब इंतजार कर रहे हैं आपके साथ डिनर के लिए। मैंने कहा रात के 9 बज गए.. मैं 9 घंटे ट्रैवेलिंग कर के आ रहा हूं, अभी कहां ले जा रहे हो मुझे। वो बोले नहीं उनका बहुत आग्रह है जाना पड़ेगा। मैंने कहा-कम से कम मुझे होटल तो ले जाइये..कुछ फ्रेस हो लूं..फिर चलते हैं। मैंने कहा-वहां कितना समय लगेगा..वो बोले-साहब ज्यादा से ज्यादा 50 मिनट। वहां कोई नहीं होगा..आप होंगे..राष्ट्रपति पुतिन होंगे और इंटरप्रेटर होगा। खैर, मना तो कर नहीं सकते थे..आधी अधूरी इच्छा को लेकर.. नहा-धोकर हम भागे वहां के लिए। हम दोनों बैठे और बातें शुरू हुईं। साहब..आप हैरान हो जाएंगे...जो 50 मिनट का कार्यक्रम तय हुआ था..मैं करीब सुबह पौने चार बजे होटल वापस आया।'
 
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री ने दो अन्य घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने खुलासा किया कि किस तरह उन्होंने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और उनकी पत्नी जुलियाना अवाडा के साथ बेहद भावपूर्ण संबंध स्थापित किये। जब राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और उनकी पत्नी भारत आए तो राष्ट्रपति भवन में विशेष चाय के बर्तन में उन्होंने चाय परोसी थी। इसी तरह उन्होंने बताया कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसियन लूंग और उनकी पत्नी उन्हें एक भारतीय रेस्टोरेंट में ले गए थे जहां उन्होंने दक्षिण भारतीय भोजन किया था।
 
रॉबर्ट वाड्रा, चिदंबरम और सोनिया गांधी पर चल रहे केस के बारे में


 
रजत शर्मा ने जब यह सवाल किया कि आपने रॉबर्ट वाड्रा, पी. चिदंबरम और सोनिया गांधी को डराकर रखा है, प्रधानमंत्री ने कहा: 'आपको शायद होगा...शायद 2014 में आप की अदालत में ऐसा ही एक सवाल आपने पूछा था..और तब मैंने कहा था बिल्कुल डरना चाहिए..ये प्रधानमंत्री बनने के बाद नहीं कह रहा हूं...और तब मैंने कहा था देश में जब पापियों का डर खत्म हो जाता है..भ्रष्टाचारियों का डर खत्म हो जाता है..गलत करने वालों का डर खत्म हो जाता है...तो वो देश खत्म हो जाता है। जो भ्रष्टाचारी हैं और जो बेइमानी का आचरण करते हैं, उनको कानून का डर होना चाहिए। जो नीति विरूद्ध कार्य करते हैं, उनको नेक और नीयत का डर होना चाहिए। इसलिए ये डर अच्छा है। ये डर अच्छे के लिए है और ये डर अच्छों के लिए है।'

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement