नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले पर अपना अंतिम फैसला सुनाने हुए राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या में विवादित जमीन पर ही मंदिर का निर्माण किया जाए और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सरकार 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराए। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या-क्या कहा:
- न्यायालय ने निर्मोही अखाड़े की समूची विवादित जमीन पर दावे की याचिका को खारिज किया।
- न्यायालय ने केंद्र को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में योजना तैयार कने और न्यास बनाने का निर्देश दिया।
- न्यायालय ने मुसलमानों को नई मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया।
- बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ था।
- हिंदू ये स्थापित करने में सफल रहे कि बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था।
- स्थल पर 1856-57 में लोहे की रेलिंग लगाई गई थी जो यह संकेत देते हैं कि हिंदू यहां पूजा करते रहे हैं।
- 17 साक्ष्यों से पता चलता ळै कि मुसलमान मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करते थे, जो यह संकेत देता है कि उन्होंने यहा कब्जा नहीं खोया है।
- हिंदू इस स्थान को भगवान राम की जन्मभूमि मानते हैं, यहां तक की मुसलमान भी विवादित स्थल के बारे में यही कहते हैं।
- न्यायालय ने विवादित स्थल पर पुरातात्विक साक्ष्यों को महत्व दिया।
- हिंदुओं की यह अविवादित मान्यता है कि भगवान राम का जन्म गिराई गई संरचना में ही हुआ था।
- एएसआई यह नहीं बता पाया कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।
- एएसआई ने इस तथ्य को स्थापित किया कि गिराए गए ढांचे के नीचे मंदिर था।
- 11 बुनियादी संरचना इस्लामिक ढांचा नहीं थी।
- बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी।
- न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महत राय बताना एएसआई की प्रति बहुत अन्याय होगा।
- न्यायालय ने कहा कि राज जन्मभूमि एक न्याय सम्मत व्यक्ति नहीं हैं।
- न्यायालय ने कहा कि निर्मोही अखाड़े की याचिका कानूनी समय सीमा के दायरे में नहीं, न ही वह रखरखाव या राम लला के उपासक।
- न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार विवादित भूमि सरकारी है।