नयी दिल्ली: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में प्रमुख निर्यात नियंत्रण निकाय वासनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) ने भारत को नये सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कदम से परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ने के साथ ही महत्त्वपूर्ण तकनीकों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। वियना में इस निकाय के दो दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में कल यह निर्णय लिया गया।
समूह ने एक बयान में कहा कि जरुरी औपचारिकताएं पूरी करने के शीघ्र बाद भारत उसका 42 वां सदस्य देश बन जाएगा। उसने अपने पूर्ण अधिवेशन के समापन पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘पूर्ण अधिवेशन में वासनार व्यवस्था के सहभागी देशों ने वर्तमान ढेरों सदस्यता आवेदनों की प्रगति की समीक्षा की और वे भारत को शामिल करने पर राजी हुए । वासनार व्यवस्था से जुड़ने की जरुरी प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बाद शीघ्र ही भारत इस व्यवस्था का 42 वां सहभागी देश बन जाएगा।’’
इस निर्यात नियंत्रण निकाय में प्रवेश के बाद परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने के बावजूद परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ जाएगी। वासनार अरेंजमेंट सदस्यता मिलने से 48 सदस्यों वाले परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भी भारत के प्रवेश का पक्ष मजबूत होने की उम्मीद है।
परंपरागत हथियारों, दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं तथा प्रौद्योगिकियों की अदला-बदली में पारदर्शिता को बढ़ावा देने में वासनार अरेंजमेंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दो दिवसीय बैठक के समापन के अंत में जारी बयान में समूह ने यह भी ऐलान किया कि डब्ल्यूए का अगला नियमित पूर्ण सत्र दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रिया के वियना में होगा।