नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस से महज सोलह दिन पहले दिल्ली में लश्कर के एक खूंखार आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। हाफिज सईद का ये गुर्गा 17 साल पहले हुए लाल किले पर आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। इस आतंकी का नाम है बिलाल अहमद काहवा। बुधवार को 37 साल के बिलाल को दिल्ली एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार किया गया जब वो श्रीनगर से दिल्ली आ रहा था। गुजरात एटीएस ने बिलाल के श्रीनगर से दिल्ली आने की ख़बर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दी थी जिसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट से लश्कर के इस आतंकी को गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि 22 दिसंबर 2000 को रात के करीब नौ बजे दिल्ली के लाल किले पर लश्कर के दो आतंकवादियों ने हमला किया था। लाल किले की सुरक्षा पर तैनात जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। लाल किले की सुरक्षा में तैनात जवान जब तक संभल पाते तब तक आतंकवादियों की गोलियों से दो जवान शहीद हो चुके थे जबकि एक नागरिक की भी मौत हो गई थी। हमले में कई जवानों को गोली लगी। बाद में जिनमें से एक और जवान शहीद हो गया।
मौके पर तैनात क्विक रिएक्शन टीम ने जवाबी कार्रवाई की लेकिन तब अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों आतंकी भागने में कामयाब हो गए थे। इस आतंकी वारदात के करीब 17 साल बाद हमले की साजिश में शामिल लश्कर के एक और आतंकी को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। साल 2000 में जब लाल किले पर हमला हुआ था तब बिलाल 20 साल का था। उसने हमले के लिए अपने खाते से रकम मुहैया कराई थी। हवाला के जरिए कई बैंक खातों में 29.5 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। ये रकम हमले के मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ ने जमा कराई थी।
आरोप है कि मुख्य आरोपी आरिफ के दिए इसी पैसे से लाल किले पर हमले की साजिश रची गई थी और हथियार खरीदे गए थे। तभी से बिलाल फरार था। गिरफ्तारी के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां बिलाल से पूछताछ कर रही हैं। पता लगाया जा रहा है कि इन सत्रह साल के दौरान वो कहां-कहां छिपा रहा और क्या कर रहा था।
इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता आरिफ को अदालत पहले ही मौत की सजा सुना चुकी है। अब बिलाल की गिरफ्तारी के बाद ये पता लगाया जा रहा है कि 26 जनवरी से पहले उसके दिल्ली आने का मकसद क्या है? क्या वो दिल्ली में किसी आतंकी हमले की साजिश रच रहा था?