अरब सागर में उठे वायु तूफान ने भले ही गुजरात को ज्यादा प्रभावित न किया हो, लेकिन दिल्ली पर इसका काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वायु तूफान के चलते इस बार दिल्ली में मानसून की आमद में देरी हो जाएगी। आमतौर पर जून के आखिरी सप्ताह में मानसून दिल्ली आता है, लेकिन इस बार करीब एक सप्ताह की देरी से लगभग 7 या 8 तारीख तक मानसून यहां पहुंचेगा।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक जयपुर और हरियाणा में भी मानसून की आमद में एक हफ्ते की देरी तय मानी जा रही है। इसी के आसपास उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर में भी मानसून पहुंचेगा। मौसम विभाग अब तक दावा कर रहा था कि मॉनसून दो-तीन दिन लेट हो सकता है। अब स्काइमेट के चीफ मेट्रॉलजिस्ट ने कहा है कि वायु तूफान की वजह से मॉनसून की रफ्तार काफी धीमी को गई है। मॉनसून पर अल नीनो का साया भी है, जिसका असर जून में हुआ है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में यह प्रभावित करेगा। 50 पर्सेंट तक अल नीनो का असर मॉनसून पर पड़ सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, जून के शुरुआती 3 हफ्तों में मॉनसून देश के दो-तिहाई हिस्से को कवर कर लेता है लेकिन अबतक 15% हिस्से को ही कवर कर पाया है। इसी वजह से बारिश जून में काफी कम हुई है। 1 से 20 जून के बीच देश में सिर्फ 51 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 43 पर्सेंट कम है। प्री मॉनसून सीजन में 9 साल में सबसे कम बारिश हुई है। 1 से 20 जून के बीच दिल्ली में 11.9 एमएम बारिश हुई है। यह सामान्य से 61% कम है। 1936 में हुई थी जून में सबसे ज्यादा बारिश, जो थी 414.8 एमएम।