भोपाल: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एस. सी. उपाध्याय की अदालत में उम्मीदवारों सहित 87 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। इनमें परीक्षार्थियों के अलावा चार व्यापमं अधिकारियों और 11 निजी व्यक्तियों तथा बिचौलिया को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई के लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने आईएएनएस को बताया है कि, सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में कुल 89 लोगों के नाम है, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। इस तरह अभी कुल 87 आरोपी ही है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, यह मामला संविदा शिक्षक वर्ग 2011 से संबंधित है। यह आरोपपत्र 153 पेज का है। इसमें 36 नए आरोपी हैं, इनमें से 33 परीक्षार्थी हैं। इससे पूर्व एसटीएफ ने 53 के खिलाफ चालान पेश किया था।
सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ जांच के दौरान आरोपी व्यापम अधिकारी के कम्प्यूटर की हार्डडिस्क में कई फाइलों को बरामद किया गया, जिसमें संकेत दिया गया था कि कतिपय उम्मीदवारों के निशान कथित तौर पर बढ़ाए गए थे, ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 73 थी, जिससे उनका चयन हो गया था। इस जांच में यह भी पाया गया है कि तत्कालीन व्यापमं नियंत्रक की भूमिका भी रही है। एक कर्मचारी और निजी व्यक्तियों ने परीक्षा में पूरी मदद की। उदाहरण के तौर पर फार्म भरने, रोल नंबर आवंटन से लेकर अन्य काम में।
सूत्रों का दावा है कि इन आरोपियों में कई उम्मीदवारों की प्रभावशाली लोगों ने मदद की थी। उनमें से कुछ के नाम भी है, मगर उन्हें सीबीआई ने क्लीनचिट दे दी है। एक राजनेता तो ऐसे है, जिनके सर्वेट क्वोर्टर में रहने वाले व्यक्ति का चयन हुआ था। उसने एक अफसर और तत्कालीन मंत्री का नाम भी लिया है। एक प्रभावशाली सत्ताधारी दल से जुड़े नेता की सिफारिश का कई नामों के आगे जिक्र है, मगर आरोपियों ने उनसे किसी तरह का संबंध न होने की बात कही, इस आधार पर सीबीआई ने उनका नाम नहीं जोड़ा।