नयी दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में गिरफ्तार क्रिश्चियन जेम्स मिशेल ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत में अर्जी देकर तिहाड़ जेल में अलग कोठरी में रखे जाने का अनुरोध किया। मिशेल को 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे के सिलसिले में संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार किया गया था और चार दिसंबर को भारत लाया गया था। बुधवार को उसे 28 दिसंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मिशेल की ओर से अधिवक्ता एलजो के जोसफ और विष्णु शंकर ने यह आवेदन दिया। उसमें तिहाड़ जेल के अधीक्षक को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह आरोपी क्रिश्चियन जेम्स मिशेल को अलग कोठरी आवंटित करें।
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जिन तीन कथित बिचौलियों की जांच कर रही है, मिशेल उनमें से एक है। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला 22 दिसंबर के लिये सुरक्षित रख लिया और उसे 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मिशेल को विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया, जहां जांच एजेंसी ने कहा कि उसे आगे हिरासत में रख कर पूछताछ की जरूरत नहीं है।
आरोपी ने अपनी जमानत याचिका में अधिवक्ता ए के जोसेफ के जरिए कहा कि वह पिछले अनेक साल से और 14 दिन की सीबीआई हिरासत के दौरान जांच में सहयोग कर रहा है, जो अब समाप्त हो गई। उसने अदालत को बताया कि सीबीआई उन्हीं तथ्यों और उन्हीं आरोपों पर कार्रवाई आगे बढ़ा रही है जिनमें इटली की अदालत उसे दोषमुक्त ठहरा चुकी है। आरोपी ने अदालत से इस आधार पर नरमी बरतने का अनुरोध किया कि वह डिस्लेक्सिया से पीड़ित है।
इस पर सीबीआई के वकील डी पी सिंह ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी बेहद प्रभावशाली है और जांच को प्रभावित करने में सक्षम है। एजेंसी ने कहा, ‘‘ वह प्रभावशाली व्यक्ति है जिसके संबंध मंत्रालय के लोगों, नौकरशाहों और नेताओं से हैं, इनमें से कई मामले में गवाह हैं। हम उसे बहुत मुश्किल से लेकर आए हैं। कुछ नए तथ्य सामने आए हैं और हमें उनपर काम करने की जरूरत है। वह सहयोगात्मक रवैये वाला गवाह नहीं है। बहुत से तथ्यों को निकालना है। उसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है। उसके पास संपत्ति है, लेकिन उसे बेचकर वह दूर जा सकता है।’’