भुवनेश्वर: विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने कहा कि विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं, लेकिन उसके प्रत्यर्पण के लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं दी जा सकती है। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रत्यर्पण के उद्देश्य के लिए दस्तावेज ब्रिटेन को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा, वे दस्तावेजों का परीक्षण कर रहे हैं और हम प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब भी ब्रिटेन हरी झांडी देगा, माल्या को वापस भारत लाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्यर्पण उतना सरल और आसान नहीं हैं, जितना लोग सोचते हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई देश प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करता है तो कुछ शर्तें तय की जाती हैं। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और उसके कानून का मानना है कि अगर कोई वैध पासपोर्ट के साथ उनके देश में घुसता है, जिसे बाद में रद्द कर दिया जाता है तो वे कार्रवाई नहीं करेंगे। सिंह ने कहा, भारत की तरफ से इस उद्देश्य के लिए जरूरी दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से ब्रिटेन के अधिकारियों को भेजे गए हैं, जो फैसला करने से पहले उसका परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, फिलहाल कोई समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है कि कब शराब कारोबारी को भारत वापस लाया जाएगा।
माल्या कई बैंकों के बकाए कर्ज की अदायगी में चूक करने को लेकर भारत में वांछित हैं। कुलभूषण जाधव मामले पर सिंह ने कहा कि भारत ने इस मामले में अंतरराष्टीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उसने पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने और जाधव को दोषी ठहराने के लिए लेशमात्र भी साक्ष्य के बिना हास्यपूर्ण मुकदमा चलाया।
यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाना चाहिए, सिंह ने कहा कि मामला गृह मंत्रालय से संबंधित है, जो जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, मेरी तरफ से हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, हर कोई जानता है कि हुर्रियत को कहां से धन मिल रहा है। यह भलीभांति ज्ञाात है कि जिन गतिविधियों में वो शामिल हैं, वो आतंवादियों की तरह की हैं। उन्होंने कहा कि सबकुछ ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा।
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