Sunday, December 22, 2024
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ड्रैगन से तनाव पर बोले पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह, चीन के तंबू में आग लगने के बाद शुरू हुई थी गलवान में हिंसक झड़प

लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प कैसे शुरू हुई, आखिर कैसे 10-10 चीनी सैनिकों पर भारत का एक-एक जांबाज भारी पड़ा। उसकी इनसाइड स्टोरी बताया पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : June 29, 2020 8:48 IST
VK Singh on scuffles with China
Image Source : PTI VK Singh on scuffles with China

नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प कैसे शुरू हुई, आखिर कैसे 10-10 चीनी सैनिकों पर भारत का एक-एक जांबाज भारी पड़ा। उसकी इनसाइड स्टोरी बताया पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने। पूर्व आर्मी चीफ आरएसएस के एक सेमिनार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बोल रहे थे। इसी सेमिनार के दौरान जनरल सिंह ने चीन की बखिया उधेड़कर रख दी।

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पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि सैन्य कमांडरों के बीच फैसला किया गया कि वो बातचीत करें। पहले कमांडिंग अफसर के लेवल पर बात हुई। कोई फर्क नहीं आया।

उसके बाद मेजर जनरल लेवल पर बात हुई, कोई हल नहीं निकला। लेफ्टिनेंट जनरल लेवल पर भी बातचीत हुई, उसमें ये हल निकला कि जो 15 तारीख से पहले जहां पर था, वो अपनी जगह जाएं और ये निर्धारित कर दिया गया कि PP-14 पर कितने लोग होंगे। उसके 2 किलोमीटर दूर कितने लोग होंगे और 5 किलोमीटर दूर कितने लोग होंगे।

उन्होंने बताया कि जब 15 तारीख को लोग देखने गए कि चीन के लोग वापस गए या नहीं, तो दिखा कि चीन के पूरे लोग वापस नहीं गए थे। वो PP-14 के नजदीक ही दिखे और जो तंबू उन्होंने भारत की इजाजत लेकर लगाया था ताकि वो लोग देख सकें कि भारतीय सेना पीछे गए कि नहीं वो अभी तक हटा नहीं था।

उन्होने कहा, "हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने कहासुनी के बाद तंबू हटाने का हुक्म दिया और जब चीनी सैनिक तंबू हटाने लगे, तो उस तंबू में आग लग गई। उसमें उन्होंने क्या रखा था, ये किसी को नहीं मालूम। चीनी सैनिकों को लगा कि हमने उनके तंबू में आग लगा दी। तो इस तरह वहां झड़प शुरू हुई और इस झड़प में हमारे लोग चीनियों पर हावी हुए।"

उन्होंने आगे बताया, "चीन की तरफ रास्ता थोड़ा ठीक था तो उनके लोग जल्दी आ गए। चीनी सैनिक ये सोचकर आए थे कि वो हमपर हावी हो जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आपने हताहत होने वालों की संख्या सुनी होगी पहले तीन के बारे में बताया गया था क्योंकि शुरू में आगे ये तीन ही थे। उसके बाद जब और लोग आ गए तो उस झगड़े के दौरान चीन के लोग भी पानी में गिरे और हमारे लोग भी। 16,500 फीट की ऊंचाई पर पानी कितना ठंडा होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।"

बता दें कि इससे पहले उन्होंने कहा था कि चीन द्वारा की गई हालिया धोखेबाजी ने दोनों देशों के बीच विश्वास में एक कमी पैदा कर दी है। वीके सिंह ने कहा कि युद्ध एक अंतिम विकल्प है, लेकिन कई तरीके हैं, जिससे चीन को सबक सिखाया जा सकता है। एक तरीका है कि चीन का आर्थिक रूप से बॉयकॉट करें।

चीन की ओर से अपने किसी सैनिक की मौत के बारे में बयान नहीं देने को लेकर पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीन भरोसे के लायक नहीं। चीन ने तो 1962 में भारत से हुए युद्ध से लेकर आज तक कभी अपने किसी सैनिक की मौत को स्वीकार नहीं किया है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में इस घटना में अपने कुछ सैनिकों के हताहत होने की बात कही थी, लेकिन कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी थी।

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