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विशाखापट्टनम गैस लीक मामला: NGT ने 3 के खिलाफ जारी किया नोटिस, जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित की

विशाखापट्टनम के जिला फायर ऑफिसर संदीप आनंद के मुताबिक, जिस टैंकर से स्टीरीन गैस लीक हुई थी, उसी से फिर से गैर का रिसाव हो रहा है। फायर ब्रिगेड की 50 से ज्यादा टीमें मौजूद हैं और एनडीआरएफ की मदद से ऑपरेशन जारी है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : May 08, 2020 13:26 IST
vizag gas leak live updates visakhapattnam again gas leakage
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नई दिल्ली। वाइजाग गैस लीक मामले पर शुक्रवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सुनवाई की। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम रसायन फैक्टरी में गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में केन्द्र, एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अन्य को नोटिस जारी किए। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। अधिकरण ने एलजी पॉलिमर्स इंडिया को 50 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने के भी निर्देश दिए हैं।

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की और उसे 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया सामने आई जानकारी के अनुसार इस घटना में लोगों की जान गई, जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान हुआ है, हम एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को विशाखापत्तनम के जिलाधिकारी को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा कराने के निर्देश देते हैं। यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और उससे हुई क्षति की सीमा के संबंध में तय की जा रही है।

विशाखापत्तनम जिले के गोपालपट्टनम आर.आर. वेंकटपुरम गांव में बीते गुरुवार तड़के तीन बजे रासायनिक संयंत्र में स्टीरीन गैस लीक की घटना घटी। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस गैस ने नारवा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पलापालम और कृष्णा नगर के आसपास के गावों को प्रभावित किया है। स्टाइरीन गैस की प्रकृति विषाक्त है, औैर इससे लोगों में त्वचा, आंखों में जलन और सांस संबंधित दिक्कतें पैदा हुई हैं।

दोबारा गैस लीक को लेकर NDRF के डीजी ने कही ये बात

विशाखापट्टनम की एलजी पॉलिमर फैक्ट्री में रिसाव को लेकर NDRF के डीजी एस. एन. प्रधान ने कहा कि 'मैं मीडिया से अपील करूंगा कि इस तरह की गलत अफवाह न फैलाएं जिससे लोगों में भ्रम फैले।' एस. एन. प्रधान ने कहा कि मीडिया में अफवाहें चल रही है कि आज फिर से लीकेज हुआ है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। गैस लीकेज को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया है इसमें थोड़े फ्यूम्स निकलते हैं जो कि कैंपस के आस-पास रहता है,इसे ये आकलन कर लेना की फिर से लीकेज हुआ है तो सरासर गलत है।

बता दें कि, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री में 24 घंटे के अंदर दूसरी बार केमिकल प्लांट के जिस टैंकर से रिसाव के कारण हादसा हुआ, उसी टैंकर में एक बार फिर से अचानक स्टीरीन Styrene गैस का रिसाव की खबरें सामने आयी हैं। घटना के तुरंत बाद ही फायर ब्रिगेड की लगभग 60 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस भी तैनात कर दी गई हैं। विशाखापट्टनम के जिला फायर ऑफिसर संदीप आनंद के मुताबिक, जिस टैंकर से स्टीरीन गैस लीक हुई थी, उसी से फिर से गैर का रिसाव हो रहा है। फायर ब्रिगेड की 50 से ज्यादा टीमें मौजूद हैं और एनडीआरएफ की मदद से ऑपरेशन जारी है। हमने एहतियात के तौर पर दो-तीन किलोमीटर की रेडियस में आने वाले गांवों को खाली कराने का आदेश दिया है।' प्रशासन का कहना है कि गैस लीक को निष्क्रिय करने के लिए गुजरात से आई पीटीबीसी केमिकल का इस्तेमाल जब तक नहीं किया जाता है, तब तक यानी अभी दो दिनों तक हटाए गए लोग अपने घरों में वापस न लौटे। गैस को निष्क्रिय करने की अगुवाई पुणे से आई एनडीआरएफ एक्सपर्ट की टीम कर रही है। 

गुरुवार (7 मई) सुबह हुआ था हादसा

बता दें कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गुरुवार तड़के हुए गैस लीक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई। हादसे में आसपास के गांवों के हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब दो दर्जन लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। कृत्रिम रबर बनाने में इस्तेमाल होने वाली गैस स्टीरीन के प्रभाव में आने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गैस लीक के कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने जांच का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। 

इसलिए हुआ हादसा

दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी केम द्वारा संचालित एलजी पॉलीमर्स फैक्ट्री आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित है। यह फैक्ट्री लॉकडाउन के दौरान बंद चल रही थी। बताया जा रहा है कि स्टीरीन के टैंकों से जुड़ी रेफ्रिजरेशन यूनिट में खामी से यह हादसा हुआ। 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान पर स्टीरीन सुरक्षित व द्रव अस्वथा में रहता है। रेफ्रिजरेशन में खामी के कारण तापमान बढ़ गया और स्टीरीन गैस के रूप में लीक हो गई। (एजेंसी)

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