विशाखापत्तनम. "मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगा। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बच गया।" ये कहना है विशाखापत्तनम में गैस रिसाव के बाद बचे लोगों का। यहां ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे बच पाएंगे। किंग जॉर्ज अस्पताल (केजीएच) में इलाज करवा रही एक महिला ने कहा, "किसी को नहीं पता था कि क्या हो रहा है और सभी खुद को बचाने के लिए भाग रहे थे।" केजीएच में ही ज्यादातर गैस पीड़ितों को इलाज के लिए लाया गया था।
महिला ने आगे कहा कि वह और उसके बच्चे जाग गए थे क्योंकि उन्हें सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी। "वहां भ्रम की स्थिति थी। हमने लोगों को भागते हुए देखा फिर हम भी भागने लगे।" महिला इस भगदड़ में अपने दो बच्चों से अलग हो गई थी। महिला ने कहा कि वे सभी बेहोश हो गए थे और बाद में उन्होंने खुद को अस्पताल में पाया।
एक अन्य जीवित व्यक्ति ने कहा कि उसे और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को तीखी गंध महसूस हुई। उन्हें धुआं भी नजर आ रहा था। उन्होंने कहा, "हमें असहज महसूस हुआ और फिर उल्टी शुरू हो गईं। हमें नहीं पता कि उसके बाद क्या हुआ, बाद में हमने खुद को अस्पताल में पाया।"
गोपालपतनम के पास आर.आर. वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर इंडिया प्लांट से सुबह 2.30 बजे के आसपास स्टाइरीन गैस के रिसाव के बाद लोगों में भगदड़ मच गई थी। प्लांट के पास के कम से कम पांच गांवों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित थे। कई लोग बेहोश होकर सड़कों पर गिर गए या उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
आसपास के इलाकों में लोगों को सतर्क करने के लिए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सायरन बजाया गया। उन्हें जहरीले गैस के प्रभाव से बचाने के लिए गीले मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि नहर में गिरने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए अंधेरे में भागते समय एक खुले कुएं में गिर गया।
पीड़ितों को अस्पतालों में स्थानांतरित करने के लिए एम्बुलेंस, पुलिस और अन्य सरकारी वाहनों को सेवा में लगाया गया है। एक पुलिस अधिकारी भी अपने चार पहिया वाहन में कुछ लोगों को वहां से बचाने के दौरान बीमार पड़ गया। कुछ लोग अपने बच्चों को गोद में उठाकर अस्पतालों की ओर भागते देखे गए।