विशाखापत्तनम: ग्रेटर विशाखात्तनम नगर निगम ने रासायनिक संयंत्र के आसपास के लोगों से घरों में ही रहने और अपने मुंह तथा नाक को कवर के लिए गीले कपड़े का इस्तेमाल करने को कहा है। इस संयंत्र से आज तड़के गैस का रिसाव हुआ है। गोलापत्तनम में स्थित एलजी पॉलिमर्स रसायनिक संयंत्र से हुए गैस रिसाव के कारण एक आठ साल के बच्चे समेत कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
निगम ने एक ट्वीट में कहा, "गोपालपत्तनम में एलजी पॉलिमर्स से गैस का रिसाव हुआ है। इन स्थानों के आसपास रहने वाले लोगों से आग्रह है कि वे सुरक्षा एहतियात बरतते हुए घरों से बाहर नहीं निकलें।" निगम ने कहा, "अपनी नाक और मुंह को ढकने के लिए कृपया गीले कपड़े का मास्क की तरह इस्तेमाल करें।"
निगम ने कहा कि उसके अधिकारी पानी का छिड़काव करके गैस रिसाव के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ में लोगों से मास्क का इस्तेमाल करने के लिए कहने के वास्ते सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि एंबुलेंस, दमकल की गाड़ियां और पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने जिंदगियां बचाने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जिले के अधिकारियों से कहा है। दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी पॉलिमर्स पॉलीस्टीरीन और कई कामों में आने वाला प्लास्टिक बनाती है जिसका इस्तेमाल अलग अलग तरह के उत्पाद बनाने में होता है, जैसे खिलौने।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'विशाखापत्तनम में हुई घटना परेशान करने वाली है। एनडीएमए के अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों से बात की है। हम स्थिति पर लगातार और बारीकी से नजर रख रहे हैं। मैं विशाखापत्तनम के लोगों स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं इसके बारे में सुनकर हैरान हूं। मैं क्षेत्र में हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान करें। उन लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। अस्पताल में भर्ती लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
एनडीआरएफ डीजी ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि कुल 27 व्यक्ति एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव अभियान में शामिल हैं, जो गैस रिसाव से निपटने में विशेषज्ञ हैं। 80 से 90 प्रतिशत निकासी पूरी हो चुकी है। एनडीआरएफ डीजी ने कहा कि कुछ लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ खांसी आ रही है। 1000 से 800 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।