नई दिल्ली: रोहतक के सुनारिया जेल में बंद बलात्कारी बाबा राम रहीम से जुड़ी एक ऐसी ख़बर जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। दावा ये किया जा रहा है कि रेप केस में 20 साल की सज़ा काट रहा बाबा राम-रहीम जेल से बाहर आनेवाला है। रोहतक के सुनारिया जेल में राम-रहीम से बेटा, बेटी और दामाद मिले लेकिन सबसे अहम बात ये कि परिवार वालों के साथ थी बाबा की भरोसेमंद सिपाही विपासना। जेल जाने के बाद पहली बार अपनी राज़दार विपासना के सामने आते ही बाबा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बाबा और विपासना एक दूसरे को देर तक देखते रहे। आंखों ही आंखों में दोनों में बात हुई लेकिन पास आते ही विपासना ने बलात्कारी राम-रहीम को कुछ ऐसी बातें बतायीं जिसके बारे में बाबा ने अपनी 50 साल की जिंदगी में ना देखा था और ना ही सुना था। डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपासना इंसा अब बेहद अकेली है। एक तरफ बाबा राम-रहीम रोहतक की जेल में बंद है तो दूसरी तरफ अंबाला जेल में हनीप्रीत साजिश की सज़ा काट रही है।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस अकेलेपन के बावजूद विपासना परेशान नहीं है। वो बेहद खुश है। कहा जा रहा है कि अब विपासना के दिमाग में वो खतरनाक प्लान है जिसके ज़रिए वो डेरा पर एकछत्र राज करना चाहती है। विपासना जानती है कि राम-रहीम जेल से बाहर आने वाला नहीं और हनीप्रीत भी कानून के शिकंजे में है इसीलिए वो एक ऐसा प्लान लेकर राम रहीम के पास पहुंची जिसे सुनकर सुनारिया जेल में बाबा राम-रहीम तो खुशी से पागल हो गया लेकिन उसे ये ज़रा भी अहसास नहीं हुआ उसके साथ हो रहा है धोखा। विपासना राम-रहीम से वो बदला ले रही है जिसका इंतज़ार उसे कई साल से था।
विपासना डेरे की चेयरपर्सन थी लेकिन हनीप्रीत के आने के बाद से उसकी स्थिति कमजोर हो गई क्योंकि हनीप्रीत राम रहीम से इतनी नजदीक हो गई कि वो डेरे की मल्लिका बन गई। हनीप्रीत डेरे की चेयरपर्सन तो कभी नहीं बनी लेकिन राम रहीम के साम्राज्य में हुक्म उसका ही चलता था। इस बात को लेकर विपासना हर वक्त परेशान रहती थी। विपासना इसी बात का बदला अब राम रहीम से लेना चाहती है।
डेरे के अंदर भी राम रहीम के उत्तराधिकारी को लेकर जंग अभी खत्म नहीं हुई है। चंद दिनों के लिए राम रहीम के पास डेरे की कमान है। हनीप्रीत की दावेदारी सबसे मजबूत है क्योंकि उसे बलात्कारी बाबा का सपोर्ट है। अगर वो जेल में नहीं होती तो उत्तराधिकारी को लेकर कोई सवाल भी नहीं उठता। ये बात विपासना भी जानती है इसलिए वो ऐसी साजिश रच रही है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे।
जब राम रहीम जेल के बाहर था तब विपासना डेरे की चेयरपर्सन थी। डेरे में उसका अहम रोल था। डेरे के सारे चेक पर विपासना का ही साइन होता था। राम रहीम की वजह से ही वो डेरे की चेयरपर्सन बनी रही लेकिन विपासना अब राम रहीम को भरोसे में लेकर एक बार फिर डेरे पर दबदबा कायम करना चाहती है। दुनिया जानती है कि बाबा हनीप्रीत और विपासना पर आंख मूंद कर भरोसा करता था। विपासना और हनीप्रीत डेरे के साथ बाबा के हर कुकर्मों के बारे में जानती हैं लेकिन इन दोनों में हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
ये दोनों एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करती थीं लेकिन बावजूद इसके बाबा की वजह से ये दोनों अब तक खामोश रहीं, एक दूसरे के खिलाफ कभी खुलकर सामने नहीं आईं लेकिन अब विपासना बदले की आग में जल रही है। एक बात तो सच है कि राम रहीम ने अब तक लोगों को इस्तेमाल ही किया है। लेकिन विपासना ये बात भी जानती है कि अगर बाबा जेल से बाहर नहीं आता और अगर हनीप्रीत को भी लंबी सजा हो गई तो डेरे की कमान उसके पास आ सकती है। वो राम रहीम के साम्राज्य की महारानी बन सकती है इसलिए वो अपने पत्ते सोच समझ कर खोलेगी।