समस्तीपुर: बिहार के कई गांवों में ग्रामीण अब क्वॉरन्टीन सेंटर में लोगों को घुसने नहीं दे रहे हैं, जिससे प्रशासन के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल, दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों मे कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में पाए जाने के बाद ग्रामीण अब बाहर से आए लोगों को गांव में रखने का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के समस्तीपुर जिले मे स्थित विभूतिपुर गांव में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से आए प्रवासी मजदूरों को घुसने से रोक दिया गया।
आसनसोल से आए प्रवासी मजदूरो को घुसने नहीं दिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार रात आसनसोल से आए 12 प्रवासी मजदूरों को ग्रामीणों ने गांव के स्कूल में बने क्वॉरन्टीन सेंटर में घुसने ही नहीं दिया। जब मजदूरों को लेकर पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की तो वे भड़क गए। सैकड़ों की तादाद में महिलाओं और पुरुषों ने मिलकर बांस और बल्ले से स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और गाड़ियों एवं एम्बुलेंस के शीशे तोड़ दिए। हमले में घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बड़ी संख्या में पॉजिटिव पाए गए प्रवासी मजदूर
बता दें कि बिहार में शनिवार को 11 जिलों में मिले 32 कोरोना पॉजिटिव में से 27 प्रवासी मजदूर हैं। ये सभी हाल ही में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों से बिहार पहुंचे हैं। इन मरीजों में बेगूसराय के 12, रोहतास के 5, मुजफ्फरपुर के 3, अरवल के 3, नालंदा व मुंगेर के 2-2 और शेखपुरा, वैशाली, भोजपुर, खगड़िया और सीवान के एक-एक है। सिर्फ रोहतास के 5 मरीजों को छोड़कर बाकी सभी 10 जिलों में मिले 27 कोरोना पॉजिटिव दूसरे राज्यों से आए हैं। शुक्रवार (8 मई) को भी जिन 29 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उनमें से 19 तीन दिन पहले ही विशेष ट्रेन से बिहार आए थे।