नई दिल्ली: वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’
दोनों ही देशों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर है और उनका लक्ष्य इस क्षेत्र के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण के आधार पर वहां सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने का हैं। पिछले साल बैंकाक में पूर्व एशिया सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और सतत इस्तेमाल तथा सुरक्षित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के वास्ते सार्थक प्रयास करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। दस सदस्यीय आसियान ने ‘आसियान आउटलुक ऑन इंडो पैसफिक (एओआईपी)’ नामक दस्तावेज में इस क्षेत्र के वास्ते अपना दृष्टिकोण सामने रखा है।