मुंबई: विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) ने रविवार को कहा कि अयोध्या मामले पर मुस्लिम समुदाय को उच्चतम न्यायालय का फैसला स्वीकार करना चाहिए और दावा किया कि महात्मा गांधी ने सोमनाथ मंदिर मामले में इसी तरह की अपील की थी। विहिप के महासचिव मिलिंद परांदे का बयान ऐसे वक्त आया है, जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार की मांग का समर्थन किया है।
परांदे ने दावा किया, ‘‘महात्मा गांधी ने मुस्लिमों से इसी तरह की अपील करते हुए उन्हें सोमनाथ मंदिर (जिसे कई शताब्दी पहले ध्वस्त कर दिया गया था) के पुनर्निर्माण के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार के फैसले को स्वीकार करने का अनुरोध किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गांधी ने कहा था कि मुस्लिमों को निर्णय स्वीकार करना चाहिए अन्यथा गलत संदेश जाएगा कि उनका लगाव मंदिर के विध्वंसकों के साथ है।’’ उन्होंने दावा किया कि गांधी ने अपने अखबार ‘‘हरिजन’’ में यह नजरिया व्यक्त किया था।
विहिप नेता ने कहा, ‘‘रामजन्मभूमि पर अदालत का फैसला सर्वसम्मति से किया गया इसलिए मेरा मानना है कि पुनर्विचार याचिका की कोई जरूरत नहीं है।’’ परांदे ने कहा कि मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले विहिप और अन्य संगठन को अब इंतजार है कि केंद्र सरकार मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की स्थापना करे।