नई दिल्ली। मंगलवार को साल 2019 के अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर को लेकर जो बयान दिया था उसपर विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया आई है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि राम मंदिर का मामला लंबे समय से कोर्ट में अटका है और अभी तक इसकी सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन भी नहीं किया गया है, ऐसे में सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून बनाना चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मामला 69 सालों से अदालत में लटका है और 11 सालों से सुप्रीम कोर्ट में है, काफी इंतजार हो चुका है, अक्टूबर 2018 में जल्द सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना और अब 4 जनवरी को सुनवाई होनी है, लेकिन अब तक बेंच का गठन नहीं हुआ है, ऐसे में सुनवाई में देरी हो सकती है। आलोक कुमार ने कहा कि पीठ का गठन अभी तक नहीं हुआ है, कुछ अपीलों की प्रक्रियाएं भी अभी बाकी हैं, सुनवाई अभी कोसों दूर नजर आ रही है।
विश्व हिंदू परिषद की तरफ से कहा गया कि सभी पहलुओं के समग्र चिंतन के बाद विश्व हिंदू परिषद का मत है कि हिंदू समाज से अनंत काल तक न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा की अपेक्षा नहीं की जा सकती, इसका एकमात्र उचित समाधान यही है कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमी पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए।
विश्व हिंदू परिषद ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपनी इस मांग को पूरा होने तक जन जागरण करती रहेगी और आगे क्या करना है इसका फैसला 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रयागराज कुंभ के दौरान होने वाली धर्मसंसद में किया जाएगा, उस समय संत समाज जो भी फैसला लेगा उसपर आगे बढ़ा जाएगा।
गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर अहम सुनवाई होनी है।