इंदौर: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का मुद्दा सियासी रूप से गरमाने लगा है। इसी बीच अब VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि उनके पास इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीयत पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने ये दावा भी किया कि भाजपा देश की इकलौती सियासी पार्टी है जो अयोध्या में राम मंदिर बनवाना चाहती है।
कोकजे ने कहा, "पिछले साढ़े चार साल में राम मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त नहीं होने से लोगों के मन में आक्रोश है। इस विलंब से हम भी नाराज हैं। लेकिन, हमारे पास इस मामले में केंद्र सरकार की नीयत पर शक करने का कोई कारण नहीं है।" उन्होंने ये भी कहा कि "हम कतई नहीं बोल सकते कि सरकार जान-बूझकर राम मंदिर नहीं बनवा रही है या ये मंदिर बनवाने की उसकी कोई इच्छा नहीं है।"
कोकजे के मुताबिक, उन्हें पता चला है कि सरकार को कानूनी सलाह मिली है कि अगर वह अयोध्या में राम मंदिर की राह प्रशस्त करने के लिए कोई अध्यादेश या कानून पारित करा भी लेती है, तो संबंधित अध्यादेश या कानून को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। नतीजतन इस आशंकित चुनौती से अयोध्या विवाद के निराकरण में और देरी हो सकती है।
उन्होंने केंद्र सरकार की अगुवाई करने वाली भाजपा को "एकमात्र हिंदू हितैषी सियासी पार्टी" बताया। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राम मंदिर मुद्दे को सियासी तूल दिए जाने पर VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "भाजपा ने राम मंदिर को लेकर हिन्दुओं को जो आश्वासन दिया है, उससे पलटने में उसे आगामी चुनावों में कोई लाभ नहीं होने वाला है। लेकिन, केंद्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल में अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाता है, तो इससे BJP को जाहिर तौर पर चुनावी फायदा ही होगा।"
कोकजे ने एक सवाल पर कहा कि जिस तरह कुछ "विघ्नसंतोषी तत्व" अयोध्या विवाद की शीर्ष अदालत में लंबित सुनवाई में शुरूआत से कानूनी दांव-पेंचों के जरिए रोड़े अटका रहे हैं, उसे देखते हुए इसकी संभावना बेहद कम लगती है कि अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनावों से पहले मामले में फैसला आ जाए। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर आने वाले दिनों में शीर्ष अदालत में अयोध्या विवाद के मामले में लगातार सुनवाई होती है, तो इसी साल नवंबर तक प्रकरण में फैसला आ सकता है।