नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का पूर्ण बहुमत है। 15 सदस्यीय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक 11 प्रमुख ट्रस्टी ही निर्णायक भूमिका में हैं।
इन 11 ट्रस्टियों में से 9 सदस्य विहिप से जुड़े हैं। नौ सदस्यों में अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी परमानंद, स्वामी विश्वप्रशन्नतीर्थ, स्वामी गोविंददेव गिरी विहिप मार्गदर्शक मंडल से जुड़े हैं, जबकि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल को विहिप व संघ दोनों में कार्य करने का अनुभव है, वह राममंदिर का प्रतीकात्मक शिलान्यास भी कर चुके हैं। जबकि डॉ. अनिल मिश्र अवध प्रांत के सहकार्यवाह हैं। इनके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासन भी संघ से जुड़े हैं, वह विहिप के विधि परामर्शदाता भी हैं।
केवल निमोर्ही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार के बिमिलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ही संघ व विहिप से अलग हैं। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण से पूर्व अयोध्या के आसपास के रामभक्तों से विहिप ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। 22 फरवरी को हनुमान मंडल के बैनर तले अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा क्षेत्र के मार्ग प्रमुखों की बैठक कारसेवकपुरम में आयोजित की जा रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक 3 और 4 मार्च को अयोध्या में प्रस्तावित है। मार्च के पहले सप्ताह बैठक करके मंदिर निर्माण की योजना से संबंधित जरूरी फैसले ले लिए जाएंगे। गौरतलब है कि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्रा को बनाया गया है। इस समिति की बैठक भी ट्रस्ट की दूसरी बैठक के बाद होगी, जिनमें मंदिर निर्माण से संबंधित कई जरूरी फैसले लिये जाएंगे।
इससे पहले, गुरुवार को ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री को मंदिर के भूमिपूजन समारोह में शिरकत करने के लिये न्यौता दिया था। इस लिहाज से प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना को देखते हुए विहिप भूमि पूजन समारोह को भव्य बनाने की तैयारी में है।