नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर ओला और उबर ऑनलाइन टैक्सी सर्विस चर्चा में हैं। दोनों टैक्सी सर्विस के चर्चा में होने का कारण उपभोक्ता या सफर में मिलने वाली सहूलियतें ना होकर राजनीतिक है। ट्विटर पर ओला और उबर को लेकर ट्वीट्स की बाढ़ जैसी आ चुकी है। दरअसल ये सारा मामला हाल में वीएचपी से जुड़े अभिषेक मिश्रा द्वारा मुस्लिम ड्राइवर होने के कारण अपनी ओला कैब कैंसिल करने के बाद चर्चा में आया है। अभिषेक के ऐसा करने के बाद ना सिर्फ ओला की तरफ उन्हें जवाब दिया गया है बल्कि उनका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कराने के लिए मुहीम चलाई जा रही है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला हनुमानजी के एक पोस्टर से जुड़ा हुआ है। आजकल भारी संख्या में कारों के पीछे एक खास तरह के हनुमानजी का पोस्टर नजर आ रहा है। ओला और उबर से जुड़े कई ड्राइवर्स ने भी अपनी कारों के पीछे इस तरह का पोस्टर लगा रहे हैं। पिछले महीने बंगाल के एक मुस्लिम शख्स ने कैब के पीछे लगे इस पोस्टर का विरोध करते हुए लिखा था कि 26 मार्च को कोलकाता स्टेशन से लौटते समय मैंने नोटिस किया कि उबर कैब में मां काली की जगह बजरंग बली की पिक्चर लगी हुई थी। ट्रिप खत्म होने के बाद मैंने ड्राइवर को सिर्फ एक स्टार दिया। ये ब्लासफेमी है। कृपया बंगाल में हुनुमान नहीं। इसके कुछ दिनों बाद एक और ऐसी ही फेसबुक पोस्ट देखने को मिली जिसमें कैब के पीछे लगे हनुमानजी के चित्र का विरोध किया गया था।
16 अप्रैल को रेश्मी नायर नाम की फेसबुक यूजर ने उबर को लिखा था कि मैं आपकी नियमित ग्राहक हूं। मेरी कई महिला दोस्त और साथी भी उबर इस्तेमाल करती हैं। हम सबको हिन्दुत्व सिंबल जैसा रुद्र हनुमान को लेकर असुरक्षा का भाव है। शायद आपको मालूम होगा हिन्दुत्व ग्रुप और उनके नेता खुलकर कठुआ गैंगरेप का समर्थन कर चुके हैं। इस कारण मैं और मेरे दोस्त ऐसी उबर कैब में सफर करने से डरती हैं जिसमें ऐसे हिन्दुत्व सिंबल हों। इसके बाद रेश्मी उबर को आगे लिखती हैं कि मैं ऐसी किसी उबर कैब में ट्रैवल नहीं करूंगी जिसमें ऐसे हिंसक सिंबल लगे होंगे और मैं किसी प्रकार का कैंसिलेशन चार्ज भी नहीं दूंगी। मैं अपने पैसा ऐसे किसी को नहीं दूंगी जो रेप आतंकवाद को बढावा दे रहा हो।
इसके बाद विहिप से जुड़े अभिषेक मिश्रा ने ऐसी ही एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने ओला कैब को कैंसिल करते हुए मुस्लिम ड्राइवर होने का कारण बाताय था। अभिषके मिश्रा ने इस ट्वीट के साथ लिखा था कि ओला कैब की बुकिंग कैंसिल कर दी क्योंकि ड्राइवर मुसलमान था मैं अपना पैसा जिहादी लोगों को नहीं देना चाहता। उनके इस ट्वीट का जवाब ओला की तरफ से भी आया था। ओला ने अभिषेक को जवाब में लिखा था कि हमारे देश की तरह ओला भी एक धर्मनिरपेक्ष प्लेटफार्म है। हम अपने ड्राइवर, पार्टनर्स और ग्राहक में धर्म, जाति, जेंडर के आधार पर भेदभाव नहीं करते। हम सबके साथ एक जैसा सम्मानजनक व्यवहार करते हैं। हालांकि अभिषेक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि रूद्र हनुमानजी के पोस्टर के खिलाफ चलाए जा रहे कैंपेन का जवाब देना ही उनका मकसद था लेकिन इसके बाद से ट्वीटर पर ओला और उबर दोनों चर्चा में बने हुए हैं। दोनों पक्ष के लोग इस मुद्दे पर एक के बाद एक ट्वीट कर रहे हैं। वहीं अभिषेक के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड कराने की भी मुहीम चलाई जा रही है।