नई दिल्ली: दिग्गज वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का उनके दिल्ली स्थित निवास पर निधन हो गया। 95 वर्षीय जेठमलानी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार की सुबह उनके निधन की खबर आई। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने बताया कि जेठमलानी ने दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास में सुबह पौने आठ बजे अंतिम सांस ली। महेश और उनके अन्य निकट संबंधियों ने बताया कि उनकी तबियत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी।
महेश जेठमलानी ने बताया कि उनके पिता राम जेठमलानी का अंतिम सरकार यहां लोधी रोड स्थित शवदाहगृह में शाम को किया जाएगा। उनकी निधन की खबर पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया कि "राम जेठमलानी के निधन से भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक खुद को व्यक्त करने से नहीं कतराते थे।"
पीएम मोदी ने लिखा कि "राम जेठमलानी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी। और, उन्होंने बिना किसी डर के ऐसा किया। आपातकाल के काले दिनों के दौरान उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।" बता दें कि राम जेठमलानी देश के सबसे बड़े वकीलों में गिने जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े केस लड़े और जीते थे।
जेठमलानी दिग्गज वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री थे। राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित शिकारपुर में हुआ था। इनका पूरा नाम राम बूलचंद जेठमलानी था। जेठमलानी ने ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े केस लड़े थे और अपना लोहा मनवाया था। पूर्व कानून मंत्री जेठमलानी का पहला सबसे चर्चित केस 1959 में आया, जब वे केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य केस में वकील थे।
उन्होंने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव तक का केस लड़ा था। इसके अलावा वह संसद पर हमले के मामले में दोषी साबित हुए अफजल गुरु से लेकर सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में अमित शाह तक का केस भी लड़ चुके थे। राम जेठमलानी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रह चुके हैं और 2016 में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया था। फिलहाव वह RJD से ही सांसद थे।