नई दिल्ली: वीर सावरकर के पोते रंजीत ने गरुवार को कहा है कि जहां तक वे उद्धव ठाकरे को जानते हैं वे (उद्धव) सत्ता के लिए अपनी हिंदुत्व की विचारधारा और वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने की मांग से समझौता नहीं करेंगे। रंजीत ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि हिंदुत्व पर कांग्रेस की सोच में शिवसेना बदलाव करेगी। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है जहां राकांपा नेता शरद पवार ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी। महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी।
तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा। इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है।