चंडीगढ़: हरियाणा में सीनियर आईएएस ऑफिसर की बेटी का पीछा करने और उसे रोकने के मामले के आरोपी के पिता व भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष सुभाष बराला ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मामले में कानून अपना काम करेगा, और उनकी तरफ से या उनकी पार्टी की तरफ से पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। बराला ने यहां संवाददाताओं से कहा, "वर्णिका को न्याय दिलाने के लिए, विकास (बराला) और आशीष के खिलाफ नियमानुसार वे सभी कदम उठाए जाने चाहिए, जिनकी जरूरत है।"
अपनी पार्टी और सरकार की तरफ से बयान जारी करने के दबाव में दिखे बराला ने कहा, "भाजपा हमारी बेटियों की स्वतंत्रता का समर्थन करती है। वर्णिका कुंडू मेरी बेटी जैसी है। इस मामले में मेरी तरफ से या मेरी पार्टी की तरफ से किसी पर कोई दबाव नहीं है। (मामले में) कार्रवाई नियमानुसार जारी है।"
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सुभाष बराला के बेटे विकास बराला व उसके दोस्त आशीष की चार दिन पहले हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.एस.कुंडू की बेटी वर्णिका कुंडू का पीछा करने के मामले में गिरफ्तारी हुई थी। तब से वह मीडिया का सामना करने से बच रहे थे। मंगलवार को वह मीडिया के सामने आए और उन्होंने संक्षिप्त बयान दिया। लेकिन, उन्होंने किसी संवाददाता को सवाल पूछने का अवसर नहीं दिया।
चंडीगढ़ पुलिस ने शनिवार को विकास और आशीष को महिला का पीछा करने के मामले में गिरफ्तार किया था। घटना के समय दोनों नशे में थे। पुलिस ने कमजोर धाराओं में मामला दर्ज किया, जिससे दोनों कुछ ही घंटे में जमानत पर छूट गए। वर्णिका ने आरोप लगाया हुआ है कि दोनों ने उसके अपहरण की कोशिश की थी।
चंडीगढ़ पुलिस का रवैया इस मामले में सवालों के घेरे में रहा है। उस पर वीआईपी की बिगड़ैल औलाद को बचाने के आरोप लगे हैं। विपक्षी दलों ने सुभाष बराला को भाजपा अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। लेकिन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि घटना का संबंध 'एक व्यक्ति' (बेटे विकास बराला) से है और सुभाष बराला का इससे कोई लेना-देना नहीं है।