नई दिल्ली: केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि प्राचीन पवित्र शहर वाराणसी गंगा नदी के किनारे सबसे साफ शहर है। उन्होनें कहा कि लोकसभा में इस शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हार्दिक बधाई, जिन्होंने इस उपलब्धि के लिए शहर के लोगों को प्रेरित किया है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छता सिटी सर्वे रिपोर्ट को जारी किया है। इंदौर लगातार चौथे साल देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। वहीं दूसरे नंबर पर गुजरात का सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंदौर के लोगों का बधाई दी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इंदौर लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर है. इंदौर और उसके लोगों ने स्वच्छता के प्रति अनुकरणीय समर्पण दिखाया है। इस शानदार प्रदर्शन के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान, शहर के लोगों, राजनीतिक नेतृत्व और नगर निगम को बधाई।
हरदीप पुरी ने कहा कि गुजरात का औद्योगिक शहर सूरत, भारत का दूसरा सबसे साफ शहर है और नवी मुंबई भारत का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर है।
पुरस्कार नंदप्रयाग नगर पंचायत देश में सबसे स्वच्छ
देश में 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तराखंड के चमोली जिले की नंदप्रयाग नगर पंचायत को नागरिक फीडबैक श्रेणी में पूरे देश में पहला स्थान मिला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अगस्त को वर्चुअल माध्यम से पंचायत को पुरस्कार प्रदान करेंगे । राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन कार्यक्रम के तहत पूरे देश में इस साल 12 श्रेणियों में शहरी निकायों का स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया था जिसमें नंदप्रयाग नगर पंचायत को नागरिक फीडबैक श्रेणी में पूरे देश में पहला स्थान मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से पंचायत के पदाधिकारियों को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे और नन्दप्रयाग नंगर पंचायत को यह सम्मान देहरादून में राज्य सचिवालय में मिलेगा। नंदप्रयाग नगर पंचायत की अध्यक्ष डा.हिमानी बैष्णव ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि देश के 4000 से अधिक नगर निकायों में नंदप्रयाग नगर पंचायत को नागरिक फीडबैक श्रेणी में पहला स्थान मिलना हमारे छोटे से नगर के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने इस पुरस्कार को नगर पंचायत और स्थानीय नागरिकों के समन्वित प्रयासों का प्रतिफल बताते हुए कहा कि नंदप्रयाग नगर क्षेत्र में कही भी कूड़ा डंप नहीं किया जाता है और घर-घर से कूडा संग्रह की व्यवस्था की गई है। हिमानी ने कहा कि जैविक और अजैविक कुड़े को अलग-अलग करने तथा उसके उपयोग का तंत्र विकसित किया गया है।
जैविक कूड़े से खाद बनायी जाती है जबकि अजैविक कूड़े का भण्डारण कर उसे बेचने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा बताया कि जैविक और अजैविक कूड़े के बारे में नागरिकों में चेतना का स्तर विकसित किया गया है और हर स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम चलाने का सुफल मिला हैं। दो नदियों के संगम पर स्थित नगर पंचायत में नदी और संगम की सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य भी चलाया जा रहा है।