Sunday, December 22, 2024
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वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग तेजी से हो रहे कोरोना के शिकार, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

इजरायल में हुए एक शोध के अनुसार टीकाकरण के बाद के महीनों में गंभीर बीमारी से सुरक्षा कम हो जाती है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि इस संबंध में स्टडी बहुत पुख्ता नहीं है लेकिन जानकार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : August 24, 2021 20:20 IST
Vaccinated Getting Covid At Surprisingly High Rate, Scientists Say
Image Source : AP ICMR ने स्टडी में खुलासा किया है था कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित कर सकता है।

नई दिल्ली: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कुछ दिनों पहले स्टडी में खुलासा किया है था कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित कर सकता है। हालांकि, इन लोगों में मौत की आशंका कम रहती है। वहीं, अब एक नई रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। इनकी संख्या भी बहुत अधिक है। एक ओर जहां यह स्पष्ट है कि कोविड रोधी टीका अभी भी वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत रखने में मदद कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस बात की चिंता बढ़ रही है कि टीकाकरण कराने वाले लोग पहले की तुलना में गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के पूर्व निदेशक टॉम फ्रीडेन ने कहा, "हमें जो कुछ भी पता है और जो हम नहीं जानते हैं उसके बारे में हमें संयमित रहना होगा।" बता दें हेल्थ एजेंसियों की ओर से स्पष्ट संदेश के अभाव में टीका लगवाने वाले लोग इस उलझन में रह जाते हैं कि वह खुद को सुरक्षित कैसे रखें। उधर इजरायल में हुए एक शोध के अनुसार टीकाकरण के बाद के महीनों में गंभीर बीमारी से सुरक्षा कम हो जाती है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि इस संबंध में स्टडी बहुत पुख्ता नहीं है लेकिन जानकार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी।

बता दें कि ICMR ने अपनी रिपोर्ट में दूसरी स्‍टडीज का हवाला भी दिया है, जिनमें डेल्‍टा वेरिएंट से संक्रमण के बाद कोवीशील्‍ड और कोवैक्‍सीन लेने वालों में एंटीबॉडीज की ताकत घटने की बात कही गई है। इसके अनुसार, पूरी तरह वैक्‍सीनेटेड लोगों में ब्रेकथ्रू इन्‍फेक्‍शन होने की यही वजह हो सकती है। इस स्टडी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के वैज्ञानिक जेरोमी थंगराज शामिल थे। 

जेरोमी थंगराज ने कहा कि सैंपल कम लिए गए थे। साथ ही इसमें री-इन्फेक्शन के मामले शामिल नहीं थे। हालांकि, ऐसे केस कम संख्या में मिले थे। यह भी साफ नहीं था कि टीकाकरण के बाद जो लोग संक्रमित हुए उन्होंने कोवीशील्ड या कोवैक्सीन लगाई थी, लेकिन वैक्सीनेटेड लोगों में गंभीर रूप से बीमार होने वालों और मृतकों की संख्या कम थी।

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